Parliament: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी जवाब देते हुए विपक्ष पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज मैं देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार जो विश्वास जताया है, वे आज देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु है और भगवान की मर्जी होती है कि वो किसी न किसी माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि विपक्ष प्रस्ताव लेकर आया। 2018 में भी यह ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के मेरे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। उस समय भी मैंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है, बल्कि ये उन्हीं (विपक्ष) का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी यही।
उन्होंने आगे कहा कि जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे। इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो-कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया और चुनाव में एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिलीं और भाजपा को भी ज्यादा सीटें मिलीं। यानी एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है।
पीएम बोले- राजनीति आपके लिए प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया होता। बीते दिनों दोनों सदनों ने जनविश्वास बल, डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए और। ऐसे बिल भी थे कि जो हमारे मछुआरों के हक में थे, जिसका फायदा केरल के मछुआरों को होना था। केरल के सांसद तो इस पर अच्छे से हिस्सा लेते थे, राजनीति ऐसी हावी है कि उन्हें इसी बिल की चिंता नहीं है। हिंदुस्तान साइंस पावर के रूप में कैसे उभरे, उससे जुड़े बिल पर भी आपका ऐतराज? डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल भी देश के युवाओं के जज्बे से जुड़ा हुआ था। आने वाला समय तकनीक से चलेगा, आज डेटा को एक प्रकार से सेकेंड ऑयल, सेकेंड गोल्ड के रूप में माना जाता है। उस पर गंभीर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन राजनीति आपके लिए प्राथमिकता थी।
कुछ लोगों के लिए देश से पहले दल
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने उन्हें जिस काम के लिए यहां भेजा है, उस जनता का भी विश्वासघात किया गया है। विपक्ष के कुछ दलों ने उनके आचरण और उनके व्यवहार से सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। देश से पहले प्राथमिकता दल है। मैं समझता हूं कि आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग में सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की परवाह नहीं, अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। इन्होंने एक दिन सदन चलने भी दिया, लेकिन किस काम के लिए? अविश्वास प्रस्ताव के लिए और अपने कट्टर भ्रष्ट साथियों की शर्त पर मजबूर होकर जुटे।
आपके दरबारी भी सोशल मीडिया पर बहुत दुखी
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसे चर्चा की? आपके दरबारी भी सोशल मीडिया पर बहुत दुखी हैं। मजा देखिए। फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, लेकिन चौके-छक्के यहीं (सत्तापक्ष) से लगे। इधर तो सेंचुरी हो रही है, लेकिन विपक्ष नो बॉल पर ही चर्चा करता जा रहा है। मैं विपक्ष के साथियों से यही कहूंगा कि तैयारी करके क्यों नहीं आते जी? थोड़ी मेहनत कीजिए। मैंने पांच साल दिए थे आपको तैयारी के लिए। 2018 में मैंने कहा था कि तैयारी करके आना। क्या हाल है आपका? क्या दारिद्र है? विपक्ष के हमारे साथियों को दिखास की, छपास की इच्छा रहती है, स्वाभाविक है। आप ये मत भूलिए कि देश भी आपको देख रहा है। आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है, लेकिन हर बार देश को आपने निराशा के सिवा कुछ नहीं दिया। विपक्ष के रवैये पर कहूंगा कि जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब पूछते हैं।
अधीर रंजन पर तंज- गुड़ का गोबर कैसे करना, इसमें ये माहिर हैं
पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था। 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। तब शरद पवार साहब ने नेतृत्व किया। 2003 में अटलजी की सरकार थी। सोनिया जी ने लीड ली, प्रस्ताव रखा। 2018 में खडगे जी थे, उन्होंने इसे आगे बढ़ाया, लेकिन इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया? उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया, ये तो कल अमित भाई ने बहुत जिम्मेदारी के साथ कहा कि अच्छा नहीं लग रहा है। आपकी उदारता थी कि समय समाप्त हो गया था, तब भी आपने उन्हें मौका दिया। लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना, इसमें ये माहिर हैं।
उन्होंने कहा कि पता नहीं हो सकता है इंडिया से कोई फोन आया हो। कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है। कभी चुनावों के नाम उन्हें अस्थाई रूप से उन्हें हटा देते हैं। हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं। …जरा जोर से हंस लीजिए।
इस कालखंड का प्रभाव हजार साल तक रहेगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में एक समय ऐसा होता है कि वह पुरानी बंदिशों को तोड़कर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाता है। इक्कीसवीं सदी के साथ यह कालखंड हमारे लिए अवसर लेकर आया है। हम ऐसे कालखंड में हैं, जो बहुत अहम है। मैं विश्वास से कहना चाहता हूं कि यह कालखंड जो करेगा, इसका प्रभाव इस देश में आने वाले हजार साल तक रहने वाला है। 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ और सामर्थ्य आने वाले एक हजार साल की मजबूत नींव रखने वाला है। इसलिए इस कालखंड में हम सभी का बहुत बड़ा दायित्व और जिम्मेदारी है। ऐसे समय हम सभी का एक ही फोकस होना चाहिए, देश का विकास, सपनों को पूरा करने का संकल्प। यही समय की मांग है। 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक ताकत उस ऊंचाई पर पहुंचा सकती है। आज विश्व ने उनका लोहा माना हुआ है। हम उन पर भरोसा करें। हमारी युवा पीढ़ी भी संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है।
कुछ लोग साख पर दाग लगाने की कोशिश में हैं
पीएम ने कहा कि 2014 में तीस साल के बाद देश की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और 2019 में भी हुआ। उनके संकल्पों को साकार करने का सामर्थ्य कहां है, यह देश जान गया है। इसलिए 2019 में एक बार फिर देश की सेवा करने का मौका दिया। इस सदन में बैठे प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह भारत के युवाओं के सपनों को, महत्वाकांक्षाओं को अवसर दें। सरकार में रहते हुए हमने भी इस दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास किया। हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार की। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है और उसे एक बार फिर नई ऊंचाई पर ले गए हैं। अभी भी कुछ लोग साख पर दाग लगाने की कोशिश में हैं, लेकिन दुनिया जान चुकी है।
जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश हुई
उन्होंने कहा कि हमारे विपक्ष के साथियों ने क्या किया? जब चारों तरफ संभावनाएं ही संभावनाएं हैं, तब इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश की है। आज भारत के युवा रिकॉर्ड संख्या में स्टार्टअप खोलकर चकित कर रहे हैं। रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है। निर्यात नई बुलंदी को छू चुका है। आज ये भारत की कोई अच्छी बात सुन नहीं सकते हैं। आज गरीब के दिल में अपने सपने पूरा करने का भरोसा पैदा हुआ है। आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में साढ़े तेरह करोड़ गरीबी से बाहर आए हैं।
स्वच्छ भारत अभियान से तीन लाख लोगों की जिंदगी बची
प्रधानमंत्री ने कहा कि WHO कहता है कि स्वच्छ भारत अभियान के जरिए तीन लाख लोगों की जिंदगी बची है। ये लोग हैं कौन? वही जो झुग्गी-झोपड़ी में जीने को मजबूर हैं। ये गरीब परिवार के लोग हैं। गांव में जीने वाले लोग हैं। वंचित तबके के लोग हैं, जिनकी जान बची है। यूनिसेफ ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के कारण हर साल गरीबों के 50 हजार रुपये बच रहे हैं, लेकिन भारत की इन उपलब्धियों से कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ लोगों को अविश्वास है। जो सच्चाई दूर से दिख रही है, वह इन्हें यहां रहते नहीं दिख रही है।
पीएम ने कहा- विपक्ष की शुतुरमुर्ग अप्रोच है
प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को देख नहीं पाते। ये जो शुतुरमुर्ग अप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है? पुरानी सोच वाले लोग कहते हैं कि जब कुछ शुभ-मंगल होता है, बच्चे भी अपने अच्छे कपड़े पहनते हैं तो काला टीका लगा देते हैं। आज चारों तरफ देश का जो मंगल हो रहा है, देश का जय-जयकार हो रहा है तो मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि काले कपड़े पहनकर आपने भी इसे बचाने का काम किया है। विपक्ष के साथियों ने डिक्शनरी खोल-खोलकर अपशब्द ले आए। भरपूर लाए, पता नहीं कहां-कहां से लाए, लेकिन अच्छा है कि मन का गुबार निकल गया होगा। वैसे तो ये दिन-रात मुझे कोसते रहते हैं। उनका प्रिय नारा है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी। ये इनका पसंदीदा नारा है, लेकिन मेरे लिए इनकी ये गालियां, यह अलोकतांत्रिक भाषा, मैं इसका भी टॉनिक बना देता हूं।
पीएम ने कहा- ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला होता है, इसके तीन उदाहरण…
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग ऐसा क्यों करते हैं और क्यों होता है, आज मैं सदन में इसका सीक्रेट बताना चाहता हूं। मेरा पक्का विश्वास हो गया है कि विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला होगा। उन्होंने कहा कि एक उदाहरण तो मौजूद है। 20 साल हो गए, क्या कुछ नहीं कहा, लेकिन भला ही होता गया। मैं तीन उदाहरण बताता हूं-
- इन लोगों ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर तबाह हो जाएगा, देश बर्बाद हो जाएगा। न जाने क्या-क्या कहा। बड़े-बड़े विद्वानों को विदेशों से ले आते थे। अफवाह का काम पुरजोर तरीके से किया। हमारी सार्वजनिक बैंकों का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया। एनपीए को पार कर हम नई ताकत के साथ निकल चुके हैं।
- दूसरा उदाहरण- हमारे डिफेंस के हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी एचएएल को लेकर कितनी भली-बुरी बातें इन्होंने कीं। क्या कुछ नहीं कहा गया। दुनिया में इसका नुकसान करने वाली भाषा का प्रयोग किया गया। एचएएल तबाह हो गया है, खत्म हो गया है। जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है… मालूम है ना… वैसा ही उस समय एचएएल फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा करके वीडियो शूट करवाया गया था। वहां के कामगारों को भड़काया गया कि तुम्हारे बच्चे भूखे मरेंगे। देश की महत्वपूर्ण संस्था के लिए इतना बुरा कहा कि सीक्रेट काम कर गया। आज एचएएल सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है। अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व कमाया है। इनके जी भरकर लगाए गए गंभीर बावजूद भी ऐसा हुआ है।
- LIC के लिए कहा गया कि ये डूब रहा है, गरीब का पैसा कहां जाएगा। दरबारियों ने जितने कागज पकड़ाए, सारे बोल देते थे। आज LIC लगातार मजबूत हो रही है। शेयर बाजार में काम करने वालों के लिए मंत्र है कि जो सरकारी कंपनियों को ये लोग गाली दें, उस पर दांव लगा दीजिए, अच्छा ही हो जाएगा। ये जैसे देश को, लोकतंत्र को कोसते हैं, वैसे ही देश-लोकतंत्र मजबूत होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा- अब ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है…
पीएम ने कहा कि कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने वाला है। जब हम आने वाले पांच साल में इसका दावा करते हैं तो जिम्मेदार विपक्ष क्या करता? सवाल पूछता कि कैसे करेंगे, आपका रोडमैप बताइए। लेकिन अब ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है। या वे सुझाव भी दे सकते थे। या ये चुनाव में जाकर बताते कि हम तो एक नंबर पर ले आएंगे, लेकिन ये विपक्ष की त्रासदी है। कांग्रेस के लोग क्या कह रहे हैं? इतने साल सत्ता में रहने के बाद भी क्या अनुभवहीन बातें सुनने को मिलती हैं। ये कहते हैं कि कुछ करने की जरूरत नहीं है, ये तो ऐसे ही हो जाएगा। बिना कुछ किए तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। कांग्रेस की मानें तो सब अगर अपने आप हो जाना वाला है तो इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास न नीयत, न नीति, न विजन, न वैश्विक अर्थव्यवस्था की समझ है।
पीएम मोदी बोले- 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, तब देश तीसरे नंबर पर होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1990 में देश कंगाल होने की स्थिति में था। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था 10, 11, 12 नंबर पर झूलती रही। लेकिन अब हमने शीर्ष-पांच में अपनी जगह बनाई। कांग्रेस के लोगों को लगता होगा कि ये जादू की छड़ी से हुआ है। मैं बताना चाहता हूं कि कठोर परिश्रम, निश्चित योजना और सुधारों, परिश्रम की पराकाष्ठा से हुआ है। 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, तब देश तीसरे नंबर पर होगा, यह हमारा विश्वास है। हमारे विपक्ष के मित्रों की फितरत में ही अविश्वास भरा पड़ा है। हमने लाल किले से स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान किया, लेकिन उन्होंने कहा कि कैसे हो सकता है, गांधी जी भी कहकर गए थे। हमने मां-बेटी को खुले में शौच पर जाने की मजबूरी से मुक्त करने के लिए शौचालयों पर जोर दिया, तब इन्होंने कहा कि क्या लाल किले से ऐसे विषय बोले जाते हैं? जनधन खाते के समय भी ऐसा ही कहा। हमने योग, आयुर्वेद की बात की तो उसका भी मखौल उड़ाया। कांग्रेस पार्टी और उनके दोस्तों का इतिहास रहा है कि उन्हें भारत पर और भारत के सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं रहा। ये विश्वास किस पर करते थे? इनका पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि उनकी बातों पर भरोसा कर लेते थे। पाकिस्तान कहता था कि हमले और बातचीत साथ चलेगी। ये मान लेते थे।