अब आसानी से सुलझाए जा सकेंगे भारत-चीन सीमा पर होने वाले सैन्य विवाद
उत्तराखंड। भारत-चीन सीमा पर अक्सर होने वाले सैन्य विवाद अब आसानी से सुलझाए जा सकेंगे। इसके लिए अब चीन की मंदारिन भाषा को भारतीय सेना में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) ने बाकायदा इस सेमेस्टर से इस भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। भारत-चीन सीमा पर सीमा विवाद के चलते हर अंतराल बाद भारत व चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष (झड़प) होने की खबरें सामने आती हैं। पिछले साल जून में गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई हिसंक झड़प में कई सैनिक शहीद भी हुए थे। इसी तरह अरुणाचल से सटे चीन बॉर्डर पर भी दोनों देशों की सेना कई मर्तबा आमने-सामने की स्थिति में आ जाती है। वहीं उत्तराखंड के बाड़ाहोती व आसपास की सीमा में भी चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की खबरें आती रहती हैं। लिहाजा दोनों देशों के बीच की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना ने अब चीन की मंदारिन भाषा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। आर्मी कैडेट काॅलेज में प्रशिक्षण व पढ़ाई कर रहे कैडेटों को इस सेमेस्टर से चीनी (मंदारिन) भाषा सिखाई जा रही है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पर कई छोटे-मोटे गतिरोध आपसी बातचीत से ही मौके पर खत्म किए जा सकते हैं।