नई दिल्ली। ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ भारत में नए खतरे बढ़ा रहे कोरोना वायरस की वजह से कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर फरवरी में आ सकती है। हालांकि यह पिछली यानी दूसरी लहर से कमजोर रहने का भी अनुमान है। यह दावे आईआईटी के डाटा वैज्ञानिक दल ने किए हैं। उनके अनुसार तीसरी लहर में 1 से 1.5 लाख तक अधिकतम मामले प्रतिदिन आ सकते हैं। अध्ययन दल में शामिल डाटा वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस बड़े आंकड़े के पीछे ओमिक्रॉन ही हो सकता है। नए वैरिएंट ने नई आशंकाएं पैदा की हैं। हालांकि अब तक यही देखने में आया कि ओमिक्रॉन की घातकता डेल्टा जैसी नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में मिल रहे मामलों को देखने की जरूरत है। जहां अत्यधिक मामलों के बावजूद अभी भर्ती होने वालों की दर कम है। लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। आने वाले दिनों में वहां नए संक्रमण व भर्ती करवाए गए लोगों का अनुपात देखकर स्थितियां और साफ होंगी। वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि पिछली बार रात के कर्फ्यू और भीड़ भरे आयोजनों को रोकने से संक्रमितों की संख्या में कमी लाई गई थी। आगे भी हल्के स्तर पर लॉकडाउन लगाकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।