Operation Sindoor : पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह पाकिस्तान और पाक सरकार को सबक सिखाया, उसके बाद से भारत के सशस्त्र बलों की हर तरफ तारीफ हो रही है। सबसे बड़ी खुशी की बात ये है कि भारत की तीनों सेनाओं ने आपस में तालमेल बिठाकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और पाकिस्तान को उसकी असली औकात दिखाई।
भारत की तीनों सेनाओं के बीच ये तालमेल कैसे मजबूत हुआ? क्या आपने कभी इसके बारे में सोचा है? दरअसल इसके पीछे की पूरी वजह है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद का निर्माण। इस पद की वजह से ही तीनों सेनाएं आपस में मजबूत तालमेल बिठा पाईं और दुश्मनों को करारा जवाब दिया।
ऑपरेशन को अंजाम के बाद मीडिया में भी इस तालमेल का बहुत जिक्र हुआ। तीनों सेनाओं के महानिदेशकों ने बड़ी समझदारी के साथ एक-दूसरे की भूमिकाओं की सराहना की और उसका पालन भी किया। पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को भारी दबाव में लाने की शक्ति पर जोर दिया।
CDS का पद कब हुआ स्थापित?
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद 24 दिसंबर 2019 को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया था। पीएम मोदी ने इसकी घोषणा पहली बार 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 24 दिसंबर 2019 को इस पद के सृजन को मंजूरी दी, और जनरल बिपिन रावत को 1 जनवरी 2020 को भारत का पहला CDS नियुक्त किया गया।
बिना रुकावट रणनीतिक संचार और परिचालन
जानकारी के मुताबिक यह विचार पहली बार 1999 के कारगिल युद्ध के बाद सशस्त्र बलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाली एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति द्वारा रखा गया था। पैनल ने एक सीडीएस की नियुक्ति की जोरदार सिफारिश की थी, जिससे सेवाओं में बिना रुकावट रणनीतिक संचार और परिचालन सुनिश्चित हो सके।
भारत के सुधारों को आगे बढ़ाने की कोशिश
हम आपको बता दें कि CDS की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है, और यह पद आमतौर पर तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों में से चुना जाता है। वर्तमान समय में जनरल अनिल चौहान भारत के CDS हैं, जो सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं।
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