नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक अप्रैल 2023 से पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिलाने की योजना लागू करने की तैयारी में है। इसके अगले दो साल बाद यानी अप्रैल 2025 से पूरे देश में सिर्फ वही पेट्रोल उपलब्ध होगा, जिसमें 20 फीसदी एथनॉल मिला होगा। इससे हर साल 55,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने बताया कि इस योजना के जरिये दो तरह से बचत होगी। पहला पेट्रोलियम पदार्थों का आयात 20 फीसदी कम हो जाएगा। दूसरा देश में उपलब्ध अतिरिक्त चीनी निर्यात करने के बजाय एथनॉल बनाने में काम आएगी और इससे चीनी निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी भी बचेगी। इस तरह, दोनों वजहों से सालाना 55,000 करोड़ बचेंगे। फिलहाल देश में 10 फीसदी एथनॉल मिला पेट्रोल ही मिल रहा है। वह भी कुल पेट्रोल का 80 फीसदी। बाकी में कोई मिलावट नहीं हो रही है। देश में 700 किलोलीटर एथनॉल उपलब्ध है, जिसमें केवल 300 किलोलीटर ही पेट्रोल में मिलाई जा रही है। सरकार की योजना 2025 तक 1,500 किलोलीटर एथनॉल उपलब्ध कराने की है, जिसमें 1,000 किलोलीटर का इस्तेमाल पेट्रोल में मिलाने के लिए किया जाएगा। सरकार ने 2021-22 के लिए एथनॉल की कीमतें 1.47 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दी है। उधर निजी भागीदारी की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करे ओएनजीसी: पेट्रोलियम सचिव ने कहा कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को अधिक तेल-गैस भंडार खोजने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी भागीदारी की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए। सरकार का मानना है कि कंपनी को और अधिक काम करना है। यह टिप्पणी पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से ओएनजीसी को भारत के प्रमुख तेल-गैस उत्पादन क्षेत्र मुंबई हाई एवं बेसिन में विदेशी कंपनियों को 60 फीसदी हिस्सेदारी देने के निर्देश के कुछ दिनों बाद आई है।