नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि लंबी अवधि के लक्ष्यों की पहचान करने और इससे जुड़े इस दशक के परिणाम हासिल करने के लिए पूरी समयसीमा और उपलब्धियों के साथ विजन इंडिया@2047 के दस्तावेज तैयार करें। विजन इंडिया@2047 की परिकल्पना गवर्नेंस को ध्यान में रखकर की गई है। इसके लिए जरूरी संरचनात्मक और संस्थागत सुधारों का सुझाव देने के लिए केंद्र सरकार का प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, अकादमिक विशेषज्ञों और वैज्ञानिक समुदाय के साथ शनिवार को बैठक करेगा।
इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह करेंगे। कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मंत्रालय ने ये जानकारी दी। केंद्रीय सचिवालय के फैसलों में दक्षता बढ़ाने, लंबित काम घटाने, मंत्रालयों और विभागों का पुनर्गठन, नीतियां, जनसेवा में पारदर्शिता और जवाबदेही, प्रभावी कार्यकारी एजेसियों का गठन, सरकार में सुधारों के मूल सिद्धांत, राज्यों में शासन का पैमाना, 21वीं सदी के शासन का प्रबंधन, नागरिक केंद्रित शासन, राज्य सचिवालयों और जिलाधिकारी कार्यालयों में सुधार, शासन में तकनीक का इस्तेमाल और उत्कृष्ट संस्थानों का गठन आदि बैठक के मुख्य मुद्दे रहेंगे।
ऐसे 15 क्षेत्र जिनके विशेषज्ञ इस बैठक में हिस्सा लेंगे, उनमें केंद्रीय सचिवालय, डीओपीटी के पूर्व सचिव, आईआईटी और आईआईएम के कुछ निदेशक, एएससीआई और दक्षता निर्माण आयोग के अधिकारी शामिल हैं।