नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत अब एक संकट की ओर बढ़ रहा है, जो कि संविधान पर भरोसा रखने वालों के लिए बड़ी चिंता की बात है। बता दे कि आज संविधान दिवस के मौके पर संसद में रखे गए कार्यक्रम से 14 विपक्षी दल गायब रहे।
10 पॉइंट्स में जानिए, क्या बोले पीएम मोदी:- 1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम किसी राजनीतिक दल का नहीं था। किसी प्रधानमंत्री का नहीं था। यह कार्यक्रम स्पीकर पद की गरिमा थी। हम संविधान की गरिमा बनाए रखें। हम कर्त्तव्य पथ पर चलते रहें।
2. कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में न आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कदम से संविधान की भावना को चोट पहुंची है। इसकी एक-एक धारा को चोट पहुंची है।
3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तब जब राजनीतिक दल लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हों। वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं। एक राजनीतिक दल, पार्टी-फॉर द फैमिली, पार्टी-बाय द फैमिली, आगे कहने की जरूरत नहीं लगती।
4. महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी देश को कर्त्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। वे स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत का विचार लाए थे। महात्मा गांधी देश को तैयार कर रहे थे। उन्होंने जो बीज बोए थे वे वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अच्छा होता देश आजाद होने के बाद कर्त्तव्य पर बल दिया गया होता तो अधिकारों की अपने आप रक्षा होती।
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर एक पार्टी कई पीढ़ियों तक एक ही परिवार के हाथ में रही, तो यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह संविधान के सिद्धातों के खिलाफ है, उसके बिल्कुल उलट जो संविधान हमें बताता है।
6. वंशवादी पार्टियां उन लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं, जो देश के संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। भारत एक संकट की ओर बढ़ रहा है।
7. वंशवादी राजनीति का अर्थ यह नहीं कि किसी परिवार का कोई व्यक्ति राजनीति में नहीं आ सकता। अपने सामर्थ्य और लोगों के आशीर्वाद से कोई भी राजनीति में शामिल हो सकता है।
8. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि अगर कोई राजनीतिक दल- पीढ़ी दर पीढ़ी, एक ही परिवार द्वारा संचालित हो रहा है, तो वह लोकतंत्र के लिए खतरा बन जाता है।
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि देश उन लोगों को नहीं सुनना चाहता, जो उस दिन पर सवाल उठाते हैं, जिसे संविधान के लागू होने के लिए तय किया गया था और जिस पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का नाम जुड़ा है।
10. हमारा संविधान सहस्त्रों वर्षों की महान परंपरा, अखंड धारा की अभिव्यक्ति है। इसलिए हमारे लिए संविधान के प्रति समर्पण और जब हम इस संवैधानिक व्यवस्था से जन प्रतिनिधि के रूप में ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक जो भी दायित्व निभाते हैं, हमें संविधान के भाव से अपने आप को सज्ज रखना होगा। संविधान को कहां चोट पहुंच रही है उसे भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।