पंजाब। पंजाब सरकार ने मंडियों में धान की खरीद का समय 11 नवंबर शाम तक तय कर दिया है, इसके बाद किसी मंडी में खरीद नहीं होगी। वहीं छोटी मंडियों में यह खरीद 10 नवंबर तक होगी। सरकार के अचानक फैसले से केवल किसान नहीं, बल्कि आढ़ती भी परेशान हो गए है। क्योंकि ज्यादा तक एरिया में अभी 20 फीसदी फसल का आना बाकी है, ऐेसे में अगर सरकार ने अनाज मंडियों को बंद कर दिया तो किसान कहां जाएंगे। जगरांव मंडी की बात करें तो यहां पर बीते साल 28 लाख गट्टा धान आया था, अभी सोमवार तक मंडी में 22.50 लाख गट्टा ही पहुंचा है। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि धान की फसल कितनी अभी आना बाकी है। सरकार के इस फैसले को लेकर किसान यूनियन भी किसी समय अपना मोर्चा खोल सकती है। मार्केट कमेटी सचिव जगरांव की तरफ से मंगलवार को आढ़तियों को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण स्तर पर बनी मंडियों में 10 नवंबर तक धान लिया जाए, इन्हें 11 नवंबर को बंद कर दिया जाएगा। बड़ी अनाज मंडियों में 11 नवंबर तक धान आएगा उन्हें 12 नवंबर से बंद कर दिया जाए। यह फैसला मंगलवार को डीसी वरिन्दर शर्मा की बैठक में लिया जाएगा। इसलिए सभी आढ़ती किसानों को यह सूचना व्हाट्सएप से देंगे, ताकि इसके बाद कोई विवाद न हो। वही जिले के सभी बीडीपीओज भी गांव में एनाउंसमेंट करवा किसानों को सूचित करेंगे कि इस दिन के बाद धान की खरीद मंडियों में नहीं होगी। इसलिए सभी आढ़ती अपने स्तर पर गांव-गांव किसानों को सूचना दे, ताकी वह समय रहते अपनी फसल को लेकर पहुंच सके। अभी तक मंडियों में लगभग बीस फीसदी फसल का आना बाकी है। मात्र दो दिन के अंदर सभी किसान अपनी फसल लेकर कैसे पहुंच सकते है। छोटी मंडियों में हालात यह है कि जो फसल बिक चुकी है उसकी भराई का काम चल रहा है। ऐसे में दो दिन के अंदर पूरी फसल की खरीद कर उसकी भराई कैसे हो सकती है। सरकार को चाहिए कि वह कम से कम 17 नवंबर का समय किसानों दें। अन्यथा कई किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, वहीं आढ़ती भी परेशान होंगे।