रोचक जानकारी। पृथ्वी पर पानी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन स्वच्छ, पीने योग्य और सुरक्षित पानी कम ही है। आज भी दुनिया में बहुत से लोग साफ और सुरक्षित पानी से वंचित हैं। लेकिन साफ पानी हासिल करना इतना मुश्किल भी नहीं है। पानी के कई स्रोत होते हैं जिनमें महासागर, नदी, तालाब, जमीन के अंदर का पानी, बारिश का पानी प्रमुख हैं। यहां हम बात करेंगे बारिश का पानी कितना शुद्ध होता है और क्या वह पीने योग्य होता भी है या नहीं।
सबसे शुद्ध रूप:-
लोगों में बारिश के पानी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन सच यही है कि ये पानी का सबसे शुद्ध रूप होता है। एक समय था पानी की कमी नहीं मानी जाती थी। तालाब, कुएं नदी सब जगह पर पानी उपलब्ध होता था। बारिश के पानी में बच्चे नहाया करते थे और अपना मुंह खोल कर पानी पी लिया करते थे। उन्हें बारिश का पानी साफ है कि नहीं सोचने की जरूरत नहीं पड़ती थी।
बोतलबंद पानी की शुरुआत:-
आज हम शुद्ध पानी के नाम पर बोतलबंद पानी को ही प्राथमिकता देते हैं। बारिश आते ही हम बच्चों से कहते हैं कि बारिश में ना रहो बल्कि अंदर आ जाओ। लेकिन क्या आज किसी से कहा जा सकता है कि बोतलबंद पानी की जगह बारिश का पानी पीजिए। लेकिन इस बात के प्रमाण हैं जो दर्शाते हैं कि बोतलबंद पानी की शुरुआत बारिश के पानी से हुई थी।
बारिश के पानी की शुद्धता:-
नदियों और नहरों में अधिकांश पानी बारिश का पानी होता है। यहां तक की नलों में आने वाला पानी का मुख्य स्रोत बारिश होता है। जल चक्र में शीर्श पर बारिश का पानी होता है। बादलों में पानी पहुंचता है वह वाष्पीकरण की प्रक्रिया से पहुंचता है जिसके बाद बारिश के जरिए धरती पर पहुंचने तक वह शुद्ध ही रहता है।
प्रदूषित कैसे होता है पानी:-
दुनिया में धरती पर कोई पानी हो, वह बारिश के पानी से ही आया है। जब वह जमीन के अंदर जाता है तो मिनिरल वाटर हो जाता है क्योंकि उसमें जमीन के नीचे के खनिज घुल जाते हैं। ये पानी फिर भी तुलनात्मक रूप से पाने के लिहाज से सुरक्षित और साफ होता है। बारिश का पानी जहां जाता है उसी के अनुकूल हो जाता है। कचरे पर गिरता है तो वह प्रदूषित हो जाता है।
सबसे शुद्ध कब होता है बारिश का पानी:-
यह भी एक सच है कि पानी जितना फैलता है यानि ज्यादा जगह जाता है उसमें प्रदूषण मिलने की संभावना ज्यादा होती जाती है। और उसके बाद हम उसके शुद्धिकरण की कीमत अदा करते हैं। इस तरह सबसे शुद्ध पानी बारिश का वह पानी होता है जो जमीन पर नहीं पहुंचा हो। प्राकृतिक रूप से यही सबसे शुद्ध पानी होता है। इसलिए हमें इसे प्रदूषित होने से पहले ही हासिल करने के प्रयास करना चाहिए।
ऐसे में साफ है कि हमारे ऊपर एक शुद्ध पानी का बहुत बड़ा स्रोत है वह भी मानसून में तो बहुत ही बढ़िया स्रोत बन जाता है लागातार बारिश के बाद यह ज्यादा शुद्ध समझा जा सकता है। वहीं हर बारिश में पानी पहले से ही अम्लीय होता है और ऐसिड रेन यानी अम्लीय बारिश कम से कम हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह नहीं होती है। समय आ गया है कि लोग बारिश के पानी के प्रति जागरूक हों जिससे पानी से संबंधित कई समस्याएं एक साथ सुलझ सकेंगीं।