नई दिल्ली। राजधानी के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली में चल रहे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के कार्य की प्रगति के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मंत्री ने अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो जाना चाहिए, ताकि राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को आसान बनाने में मदद मिल सके। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि इस कॉरिडोर के पूर्ण होने के बाद दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि इसके बनने के बाद लोग अपने निजी वाहन छोड़कर सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करेंगे। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यों के लिए स्वतंत्र ऑडिट की व्यवस्था की जानी चाहिए। सराय काले खां स्टेशन पर इस कॉरिडोर के तीनों प्रमुख कॉरिडोर आकर मिलते हैं। इस जगह पर बनने वाले स्टेशन की व्यवस्था के लिए भी पूरी ऑडिट की व्यवस्था की जानी चाहिए। बैठक में परिवहन विभाग, नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी), दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीटीआईडीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर की कुल लंबाई 82.15 किलोमीटर है। इसमें कुल 25 आरआरटीएस स्टेशन हैं। दिल्ली में आनंद विहार, न्यू अशोक नगर और सराय काले खां में तीन आरआरटीएस स्टेशन होंगे। इस परियोजना के 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।