जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने एक ही कारण के लिए लगातार याचिकाएं दायर करने को कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए हुए रेशम कीट पालन विभाग के एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की नियमित करने की याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल और न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल की खंडपीठ ने कीटपालन विभाग में कार्यरत एक दैनिक वेतन भोगी की ओर से एसआरओ 64 के तहत नियमित करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अदालत के लिए उपलब्ध दस्तावेजों और रिकॉर्ड को सत्यापित करना संभाव नहीं है। इसके अलावा जब अधिकारियों द्वारा नियमितीकरण के मामले में बार-बार विचार करने के बाद तथ्यात्मक पहलुओं के आधार पर दावे को खारिज कर दिया गया ऐसे में अदालत हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दे सकती। अदालत ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हमेशा यह बेहतर होता है कि उचित मंच का सहारा लेने की अनुमति दी जाए ताकि पक्ष तथ्यों के विवादित पहलुओं पर साक्ष्य के आधार पर मामले पर निर्णय ले सकें। अदालत ने नियमितिकरण रद्द किए जाने के बाद एक ही कारण के लिए लगातार रिट याचिकाओं को बार-बार दाखिल करने को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया।