हेल्थ। इस समय देश में काफी लोग हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हैं। ये शहरी व ग्रामिण दोंनो क्षेत्रों में तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बन चुका है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं लेकिन कम नींद एक ऐसा कारण है जो लगभग सभी की जिंदगी से जुड़ा है। आजकल की भागदौड़ से भरी दिनचर्या में लोगों को काम के चलते दिन के साथ रात में भी लोग काफी व्यस्थ रहते है जिससे वो कम ही सो पाते है अन्य कामों के चलते नींद की कुर्बानी देते रहते हैं लगातार ऐसा करने से कुछ समय के बाद उन्हें हाइपरटेंशन सहित कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस समय तो बड़े-बुजुर्गो के साथ छोटे बच्चे भी ये समस्या देख्सने को मिल रही है। हाई ब्लड प्रेशर के कई कारण होते हैं जैसे ब्रेन स्ट्रोक, डायबिटीज, हार्ट संबंधी समस्याएं और हाई बीपी। तो चलिए जानते है नींद से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारीयों के बारें में…
कम योना हो सकता है नुकसानदेह
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना 6 घंटे से कम नींद लेने वाले लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। इसलिए हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।
कम नींद लेने वालो में नजर आते हैं ये लक्षण
ज्यादातर कम नींद लेने वाले जो लोग हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी की तरफ बढ़ रहे हैं, उनमें कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं, जैसे सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, घबराहट, रात को बेचैनी होना। ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए भरपूर नींद लेना बेहद ही आवश्यक है। वहीं नींद लेने के साथ ही भोजन में नमक और पोटेशियम की मात्रा को भी कंट्रोल करना चाहिए तथा शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करना चाहिए।
शराब पीकर सोना – शराब पीने वाले लोगों को लगता है कि वे इसे पीकर आसानी से से जाते हैं जबकि शराब नींद को डिस्टर्ब करती है। यह स्लीप पैटर्न को खराब करती है।
फोन देखकर सोना – लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ना आज एक बड़ी समस्या है। इस समय हर भी उम्र के लोग देर-रात तक जाग जागकर फोन देखते हैं। बेड पर फोन लेकर जाते हैं और फोन देखते-देखते ही सो जाते हैं। ब्लू लाइट इफैक्ट या स्क्रीन की लत आजकल नींद को प्रभावित करने का सबसे आसान और कॉमन कारण है। स्क्रीन देखने के 2-3 घंटे तक ये ही चीजें आपके रेटिना पर रिफ्लैक्ट करती रहती हैं, जो नींद को कम करती है।
.लाइफस्टाइल – इस समय वर्किंग टाइम से नींद खराब होने की समस्या तेजी से बढ़ी है। वर्क फ्रॉम होम हो या किसी विदेशी कंपनी में ऑनलाइन काम हो जिसमें दिन रात का अंतर रहता हो, या देर रात तक बैठकर काम करने की आदत हो, यह भी बीपी बढ़ाने का गंभीर कारण है। इससे मानसिक समस्याएं भी पैदा होती हैं।
. सुबह उठने और रात को सोने का समय – बहुत सारे लोग हैं जो काम के चलते न तो सुबह समय उठते हैं और न ही रात को तय समय पर सोते हैं, ये दोनों रूटीन उनके बदलते रहते हैं। इसके अलावा लोग काम के चलते या तो व्यायाम नहीं करते या स्किप कर देते हैं। ब्रेकफास्ट और दवा का भी एक नियमित समय होना चाहिए। इन सभी चीजों के समय में बदलाव होने से नींद भी प्रभावित होती है और बीपी अनियंत्रित होने लगता है।
खाना खाकर तुरंत सोना – बहुत लोग तो रात में खाना खाकर तुंत यो जाते है। जो नींद को धीरे-धीरे कम कर देता है। कुछ लोग कहते हैं कि खाना-खाने के बाद तुरंत नींद आती है लेकिन ऐसा करने से अच्छी नींद नहीं आती, नींद या तो बीच-बीच में खुलेगी या सोने में दिक्कत आएगी। वहीं ये खाना शरीर को ऊर्जा देने के बजाय शरीर में ही जमने लगेगा और मोटापा बढ़ेगा। इससे फैटी लिवर, एसिडिटी, स्लीप एपनिया, मोटापा, नींद में कमी होती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है।