वॉशिंगटन। यूक्रेन व रूस के बीच जंग खत्म होने की बजाए और उग्र होने की दिशा में बढ़ रही है। क्रीमिया पुल पर धमाके और यूक्रेन द्वारा नाटो की सदस्यता लेने की जिद से भड़के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
खबर है कि रूस ने नाटो देशों की सीमा के पास अपने परमाणु बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं। उधर अमेरिका ने यूक्रेन को 72.50 करोड़ डॉलर की और सैन्य सहायता मंजूर की है। रूस व यूक्रेन को जोड़ने वाले क्रीमिया पुल पर बम धमाके से राष्ट्रपति पुतिन का पारा चढ़ गया है।
इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन के कई शहरों में जबर्दस्त बमबारी की थी। इसके साथ ही उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध की भी चेतावनी दी थी। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन ने नाटो के यूरोपीय सदस्य देशों की सीमा से सिर्फ 20 मील की दूरी पर परमाणु बमवर्षक 11 विमान तैनात कर दिए हैं।
यह दावा अमेरिकी उपग्रह संचालन करने वाली एजेंसी प्लैनेट लैब्स द्वारा ली गई तस्वीरों के आधार पर जारी रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्वे की सीमा से 20 मील से भी कम दूरी पर रूसी TU-160 और TU-95 परमाणु बमवर्षक विमान तैनात किए गए हैं।
ये लड़ाकू विमान परमाणु हथियारों से हमले में सक्षम हैं। उपग्रह से ये तस्वीरें सात अक्टूबर को ली गई थीं। इनमें कोल्स्की प्रायद्वीप स्थित रूसी सैन्य अड्डे ओलेन्या पर 7 Tu-160 बमवर्षक और 4 Tu-95 विमान नजर आ रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूसी सेना के साथ नाटो सैनिकों के किसी भी सीधे टकराव या संघर्ष से वैश्विक तबाही होगी। इसलिए उम्मीद करता हूं कि ये देश इससे परहेज करेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं। रूसी फौज समूचे यूक्रेन में अत्याचार कर रही है। यूएन के 143 सदस्य देशों ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों को रूस में मिलाने को अवैध करार दिया है। ऐसे में अमेरिका यूक्रेन के रक्षकों को अपने देश की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्य सहायता दे रहा
है। यूक्रेन को अगस्त 2021 के बाद से अमेरिका की यह 23 वीं सैन्य सहायता खेप होगी। इसके तहत 72.50 करोड़ डॉलर की सैन्य सामग्री यूक्रेन को मुहैया कराई जाएगी। इसमें घातक हथियार, गोला बारुद व अन्य सैन्य साजो सामान शामिल है। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा यूक्रेन को कुल सैन्य सहायता की राशि
18.3 अरब डॉलर हो जाएगी। ब्लिंकन ने कहा कि यूक्रेन को नई सैन्य मदद की खेप में अमेरिका उसे हिमर्स रॉकेट सिस्टम HIMARS, गोला-बारूद, टैंक रोधी हथियार और विकिरण रोधी मिसाइलें भी देगा। इनसे रूस के क्रूर हमलों का जवाब दिया जा सकेगा।