Solar Storm: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि एक बड़ा सोलर तूफान पृथ्वी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, जिसके पृथ्वी से टकराने की संभावना है. इसके लिए उसने चंतावनी भी जारी की है. नासा का कहना है कि इस तूफान के पृथ्वी से टकराने की वजह से इलेक्ट्रॉनिक संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकता है. फिलहाल भारतीय वैज्ञानिक भी इस पर नजर बनाए हुए हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले को लेकर उन्होंने भारतीय सैटेलाइट ऑपरेटरों को सभी एहतियात बरतने के लिए कहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस तूफान का भारत पर भी प्रभाव पड़ेगा.
दूरसंचार और सैटेलाइट को हो सकता नुकसान
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक का कहना है कि पृथ्वी की ओर आने वाला सोलर तूफान दूरसंचार और सैटेलाइट को नुकसान पहुंचा सकता है. यह सूर्य द्वारा सौर मंडल में प्रक्षेपित कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्र और सामग्री का अचानक विस्फोट है. वैज्ञानिकों की मानें तो यह 6 अक्टूबर को धरती से टकरा सकता है.
बिजली की कटौती जैसी समस्याएं
उनका दावा है कि कुछ दिन पहले जो (सौर) ज्वाला भड़की थी, वह ताकत के मामले में मई में हुई ज्वाला के समान है. ऐसे में तेज सोलर तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटोस्फीयर) में एक बड़ी गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जो रेडियो ब्लैक आउट, बिजली की कटौती जैसे प्रभाव पैदा कर सकता है. फिलहाल इस तूफान को लेकर और ज्यादा जानकारियां जुटाई जा रही है.
उन्होने बताया कि सोलर तूफान की आशंका को देखते हुए मैग्नेटोस्फीयर की निगरानी की जाएगी. लेकिन हम देखना चाहते हैं कि इसे पृथ्वी से टकराने में कितने दिन लगते हैं. यह सोलर तूफान पृथ्वी पर किसी को भी सीधा नुकसान नहीं पहंचाता, क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल हमें इन सब खतरनाक सोलर तूफान से बचाता है.
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