नई दिल्ली। देश के सीमावर्ती इलाकों में वन भूमि पर बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव का मसौदा पेश किया है। मंत्रालय ने मसौदे पर अगले 15 दिनों के भीतर राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सभी संबंधित लोगों से सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय का मानना है, देश की अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है। मौजूदा हालात में कई बार राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग के लिए मंजूरी लेने की प्रक्रिया में देर होती है, जिससे महत्वपूर्ण स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास को झटका लगता है। लिहाजा इस तरह की परियोजनाओं को वन संरक्षण अधिनियम के तहत पूर्व मंजूरी हासिल की शर्त से छूट देने का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने 1980 से पहले अधिग्रहित जमीन के भू-उपयोग में बदलाव की छूट देने का प्रस्ताव भी रखा है। इसका लाभ खासतौर पर रेलवे व सडक मंत्रालय को मिलेगा।