Titanic missing vessel: भूतिया जाल में फंसी हो सकती है पनडुब्बी, सबसे बड़े एक्सपर्ट का दावा

Titanic missing vessel: टाइटैनिक का मलबा दिखाने निकली पनडुब्बी का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जहाज में लगभग 20 घंटे तक की ऑक्सीजन बची हुई है। बता दें कि सबमरीन में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद समेत 5 लोग सवार थे। अब इंटरनेशनल एजेंसियां इसकी खोज में लगी हैं। हर घंटा बीतने के साथ लोगों के जिंदा होने की उम्‍मीद कम होती जा रही है। बता दें कि कंपनी ओशनगेट एक्सपेडिशन्स के संचालन में पनडुब्बी समुद्र के नीचे गोता लगाकर मलबा देखने गई थी, लेकिन लगभग डेढ़ घंटों के बाद उसका संपर्क टूट गया।

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा की नेवी सेना के अलावा निजी कंपनियां भी तलाश में जुटी हुई हैं। हालांकि सभी इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि आखिर टाइटैनिक जहाज के मलबे के रास्ते में जहाज का संपर्क कैसे टूट गया। दुनिया के टॉप टाइटैनिक विशेषज्ञों में से एक, टिम माल्टिन ने सुझाव देते हुए कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि पनडुब्बी ऐतिहासिक जहाज़ के मलबे में फंसी हो सकती है।

माल्टिन ने बताया कि टाइटैनिक का आर्क अच्छी स्थिति में है और वह समुद्र तल पर मौजूद है। लेकिन जहाज का पिछला हिस्सा इतना बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है, जैसे कि उसपर किसी ने बम से हमला किया हो। माल्टिन ने बताया कि “स्टर्न लगभग एक कबाड़खाने की तरह है, जहां आपको केबल, क्रेन के टुकड़े, फटे हुए धातु के टुकड़े, बहुत सी चीजें मिलती हैं जिन पर आप सबमर्सिबल को रोक सकते हैं, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यहां ड्रैग नेट मिलते हैं जो वास्तव में मछली पकड़ने वाले जहाजों को तोड़ देते हैं।”

माल्टिन ने बताया कि जहाज या कोई भी बड़ी चीजवे अंतत टाइटैनिक के बिखरे हुए मलबों में फंस जाते हैं, और उन्हें भूत जाल कहा जाता है, और यह संभव है कि पनडुब्बी इन भूत जालों में से किसी एक में फंस गई हो। बचावकर्मियों द्वारा सुनी जा रही धमाकेदार आवाज़ों पर भी माल्टिन ने टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, “इस समय खोज और बचाव के लिए बहुत सारी सामग्री मौजूद है, उस क्षेत्र में बहुत सारी वाणिज्यिक शिपिंग भी है, इसलिए मैं धमाके की आवाज़ों के लिए बहुत अधिक फिलहाल विचार नहीं रखता।” चूंकि जहाज में लगभग 20 घंटे तक की ऑक्सीजन बची हुई है और खोज में सहायता के लिए अधिक जहाज उत्तरी अटलांटिक में पहुंच रहे हैं, माल्टिन को चिंता है कि क्या बचाव दल लगभग 4000 मीटर नीचे समुद्र तल पर पनडुब्बी तक पहुंचने में सक्षम होंगे।

 

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