तकनीकी पाठ्यक्रमों को हिंदी में किया जाएगा शुरू: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
नई दिल्ली। जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए में तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर देश में राष्ट्र भाषा हिंदी सहित अन्य भाषाओं में शिक्षा पर जोर दिया है। इसलिए पीएचडी और तकनीकी पाठ्यक्रम को हिंदी भाषा में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हमें छात्रों को इस काबिल बनाना होगा कि उद्योगों में नौकरी पाने के लिए जाने की बजाए खुद दूसरों को नौकरी प्रदान कर सकें। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों से उत्तीर्ण होकर निकलने वाले वाले अधिकतर युवा सरकारी नौकरी की चाह रखते हैं, लेकिन सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती। युवाओं को खुद को कौशलवान बनाना होगा जिससे वह खुद को रोजगार के लिए सक्षम बना सके। उन्हें नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना होगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह नीति बेरोजगारी और गरीबी दूर करने वाली शिक्षा नीति है। इस नीति में औद्योगिक जरूरतों एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित शिक्षा पर बल दिया गया है। प्राथमिक स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है और मातृ भाषा को महत्व दिया गया है। ऐसा 60 वर्षों में पहली बार हुआ है जब शिक्षा नीति में प्रांतीय भाषाओं में सीखने-सिखाने की पहल की गई है। इसी के अनुरूप प्रदेश में पीएचडी एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों को हिंदी भाषा में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इस नीति को 2025 तक क्रियान्वित करने जा रही है, जिसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र है। राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. केके अग्रवाल ने कहा कि देश की रक्षा प्रौद्योगिकी को ऊंचाइयों तक ले जाने में डॉ. जी सतीश रेड्डी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसे वैज्ञानिक को मानद उपाधि से अलंकृत करना करना विश्वविद्यालय के लिए सम्मान की बात है।