वास्तु टिप्स। ऐसा कहा जाता है कि घर का प्रवेश द्वार ही घर में किस्मत और भाग्य को लाता है। घर का प्रवेश द्वार से ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार घर में बढ़ता है जिससे घर में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि भी आती है। ज्यादातर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर पायदान रखते हैं। पायदान एक तरफ से जहां सजावट और सुंदरता को बढ़ाता है, वहीं घर के अंदर मिट्टी और गंदगी नहीं आने देता। वास्तु शास्त्र के अनुसार पायदान में घर की सुख समृद्धि छिपी हुई ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि घर में पायदान कहां, कैसे और किस रंग के रखने चाहिए। तो चलिए आपको बताते है पायदान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारें में ….
पायदान का रंग
घर के प्रवेश द्वार पर इस्तेमाल किए जाने वाले पायदान का रंग प्रवेश द्वार की दिशा पर निर्भर करता है। पूर्व दिशा सूर्य की दिशा मानी जाती है, और यदि आप का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है। तो आपको अपने घर में पायदान सफेद, पीला या क्रीम रंग का रखना चाहिए। पश्चिम दिशा शनि की दिशा होती है, यदि आप का द्वार पश्चिम दिशा की तरफ है। तो आपके पायदान का रंग नीला, सफेद और हरा होना चाहिए। उत्तर दिशा को बुध की दिशा मानते हैं, इसलिए वहां पर पायदान का रंग हरा, सफेद, पीला या क्रीम होना चाहिए। दक्षिण दिशा मंगल की दिशा की मानी जाती है, इस दिशा में पायदान गुलाबी, मुंगालाल, चांदी सफेद और हरे रंग का हो सकता है।
पायदान का आकार
हम सभी के जीवन में अलग-अलग महत्वकांक्षाएं होती हैं। तो अपने पायदान का चुनाव भी इसी के मुसतबिक करना चाहिए। आयताकार पायदान स्थिर रिश्ते को आकर्षित करता है, और जीवन में स्थिरता लाते हैं। गोलाकार पायदान प्रेमी जीवन और वैवाहिक आनंद को प्रभावित करता है। अंडाकार, आयताकार पायदान आपके घर में धन को आकर्षित करता है।
पायदान का कपड़ा
पायदान घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है। इसलिए इसको घर पर रखते समय ध्यान देना चाहिए, कि इसका कपड़ा रेशम, कपास और प्राकृतिक फाइबर से बना हुआ हो। क्योंकि ये आपके घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक भावनाओं को आकर्षित करता है। ऐक्रेलिक कपड़े से बने पायदान को घर में जगह ना दें। ये अग्नि तत्व है, और सकारात्मक ऊर्जा और भावनाओं को जलाता है। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने घर के पायदान को समय-समय पर बदलते रहे और भाग्य का स्वागत करने के लिए इसे सदैव साफ रखें।