योग। कुछ ही दिनों में बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं। ऐसे में लंबे समय से ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे कई बच्चे शारीरिक और मानसिक तौर से परीक्षा को लेकर तैयार नहीं होंगे। हो सकता है कि सामाजिक दूरी का पालन करने के कारण बच्चे घर तक ही सीमित रह गए हों और उनमें एग्जाइटी, मूड स्विंग्स, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या पढ़ाई को लेकर दिक्कतें आ रही हों। लेकिन ऐसी किसी भी परेशानी को बच्चे के उज्जवल भविष्य में रोड़ा न बनने दें। उन्हें होने वाले परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य से लेकर दिमाग तेज करने और याददाश्त बढ़ाने के लिए योगासन की सहायता ले सकते हैं। योग कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर होता है। ऐसे में कई योगासनों का अभ्यास बच्चों के लिए लाभकारी हो सकता है। अगली स्लाइड्स में जानिए बच्चो को शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बनाने वाले योगासन।
ताड़ासन-
पढ़ाई के लिए एकाग्रता आवश्यक है। बच्चों के मन को एकाग्र करने के लिए ताड़ासन योगाभ्यास कराएं। ताड़ासन से बच्चों की ब्रिदिंग कैपेसिटी बढ़ती है। ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी ताड़ासन योगाभ्यास सहायता करता है। मूड अच्छा होता है और बच्चों की लंबाई भी बढ़ती है।
वृक्षासन-
परीक्षा के समय बच्चों को स्ट्रेस हो सकता है। वहीं पूरे दिन बैठकर पढ़ते रहने से उनके शरीर में दर्द भी होने लगता है। ऐसे में मानसिक शांति यानी स्ट्रेस कम करने और शरीर दर्द से राहत दिलाने के लिए वृक्षासन योग का अभ्यास लाभदायक हो सकता है। बच्चों को वृक्षासन योगाभ्यास सुबह करना चाहिए।
अधोमुखश्वानासन-
अधोमुखश्वानासन के अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है। स्फूर्ति बढ़ती है और सुस्ती दूर होती है। इस आसन को करने से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है। बच्चों के हाथ और पैरों में भी मजबूती आती है। कई बार बच्चों को पढ़ाई के समय नींद महसूस होती है। इस योगासन ने उनके सिर में रक्त संचार बढ़ने से दिमाग में सही तरीके से ऑक्सीजन पहुंचता है और एकाग्रता बढ़ती है।
धनुरासन-
बच्चे जब लगातार पढ़ाई करते हैं तो पूरा पूरा दिन उन्हें बैठे रहना पड़ता है। जिसके कारण उनकी पीठ पर दबाव पड़ता है। वहीं कमर दर्द भी होने की संभावना होती है। लेकिन धनुरासन के अभ्यास से बच्चों की कमर में मजबूती आती है। साथ ही उनके हाथ और पीठ के दर्द से भी राहत मिलती है और शरीर में लचीलापन आता है।