नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की दर से गिरावट आई थी। मगर इस साल इसमें बढ़ोतरी का अनुमान है और यह अनुमान आईएमएफ ने लगाया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के मुताबिक साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। वहीं अगले साल यानी साल 2022 में 8.5 फीसदी की दर से इसमें वृद्धि का अनुमान है। वहीं अमेरिका के इस साल छह फीसदी और अगले साल 5.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो सकती है। आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था 2021 में आठ प्रतिशत और 2022 में 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि उनके जुलाई के पूर्वानुमान की तुलना में 2021 के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमान को मामूली रूप से संशोधित कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है और 2022 के लिए यह 4.9 प्रतिशत पर जस का तस रहेगा। आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में भारत के वृद्धि अनुमानों को इस साल जुलाई में जारी अपने पिछले अनुमान पर स्थिर रखा गया है, हालांकि यह अप्रैल के अनुमानों के मुकाबले 1.6 फीसदी कम है। आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी ताजा डब्ल्यूईओ के अनुसार 2021 में पूरी दुनिया की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत और 2022 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। गोपीनाथ ने कहा कि हमने भारत के लिए इस साल के अपने वृद्धि पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। मेरा मतलब है कि भारत एक बेहद कठिन दूसरी लहर से बाहर आया और जुलाई में एक बड़ी गिरावट आई, लेकिन हमारे पुर्वानुमान में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। गोपीनाथ ने कहा कि वित्तीय बाजार के संबंध में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है।