योग। खुद को फिट रखने के लिए दिन की शुरुआत योग से करना चाहिए। योग बदलते मौसम की समस्याओं से आपको बचाने में भी मदद कर सकता है। पेट में गैस, शरीर में वायु के अवरोध, अकड़न, जकड़न आदि की समस्या को भी आप आसानी से योग की हेल्प से दूर कर सकते हैं। बता दें कि हमारा शरीर पंचतत्वों अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश के मिश्रण से बना है। ऐसे में अगर शरीर में वायु के प्रवाह में किसी तरह का अवरोध हो रहा है तो शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यहां हम आपको बताते हैं कि आप पवन मुक्तासन योगाभ्यास की सहायता से किस तरह शरीर में अवरोधित वायु को ठीक कर सकते हैं और बेहतर महसूस कर सकते हैं।
अभ्यास की करें शुरुआत :-
सबसे पहले मैट पर पद्मासन या किसी भी मुद्रा में बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक कर ऊपर उठाते हुए शरीर को स्ट्रेच करें। गहरी सांस लेकर इसी तरह होल्ड करें। फिर शरीर को ढीला करते हुए हाथों को नीचे करें और ध्यान की मुद्रा बनाएं। अब गहरी सांस लें और आंखों को बंद कर आती जाती सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। ओम शब्द का उच्चारण करें और प्रार्थना भी कर सकते हैं। इसके बाद अपनी क्षमता के मुताबिक कुछ सूक्ष्मयाम करें।
पवन मुक्तासन के फायदे :-
पवन मुक्तासन का नियमित अभ्यास किया जाए तो यह पेट के भारीपन को कम करता है, रक्त संचार को बढ़ाता है। पेट के गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके साथ-साथ यह हानिकारक टॉक्सिन्स को भी शरीर से निकालने, कब्ज को दूर करने, रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाने आदि में मददगार है।
पवन मुक्तासन का अभ्यास
–रिलैक्स होकर मैट पर लेट जाएं और शरीर को पूरी तरह से ढीला कर दें। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। अब एक पैर को उठाएं और गोल घुमाते हुए घुटने को फोल्ड करें। अब दोनों हाथों से ग्रिप बनाते हुए पैर को पकड़ें। दूसरे पैर को बिलकुल सीधा रखें और कुछ देर इस मुद्रा में होल्ड करें। जिनको सर्वाइकल की समस्या है उन्हें गर्दन नीचे ही रखना है। लेकिन जिन्हें सर्वाइकल की समस्या नहीं है वे अच्छी तरह पैरों को ग्रिप कर गर्दन की घुटनों तक उठाने की कोशिश करें। कुछ देर होल्ड करें और फिर रिलैक्स होकर मैट पर लेट जाएं। अब दूसरे पैरों से ऐसा करें।
-अब दोनों पैरों को आपस में मिला लें और उठाएं। इसके बाद घुटनों को फोल्ड करें और हाथों से ग्रिप कर लें। अब रोलिंग क्रिया करेंगे। इसके लिए आप आगे की तरफ झटका देकर एक बार बैठें और फिर लेट जाएं। ऐसा 20 की गिनती तक करें। फिर रिलैक्स करें। अब दोनों पैरों को मोड़कर ग्रिप बनाएं और एक बार दाहिनी ओर और फिर बाईं ओर रोल करें। ऐसा आप 10 से 15 बार करें। फिर रिलैक्स करें।