नई दिल्ली। देश के तीन उच्च न्यायालयों में 17 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई। इनमें सर्वाधिक आठ जज इलाहाबाद हाईकोर्ट को मिले हैं। पिछले माह सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को जजों की नियुक्ति को लेकर कई नाम भेजे थे। सरकार की ओर से मंजूरी की यह तीसरी किस्त है। मंगलवार को इलाहाबाद, मद्रास व गौहाटी हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों पर 17 न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई। 17 नवनियुक्त जजों में 15 वकील व दो अधीनस्थ अदालतों के न्यायिक अधिकारी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जहां आठ नए जज नियुक्त किए गए हैं, वहीं गौहाटी हाईकोर्ट में पांच व मद्रास हाईकोर्ट में चार जजों को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा गौहाटी हाईकोर्ट के तीन अतिरिक्त जजों को पदोन्नत कर स्थाई जज बनाया गया है। केंद्रीय न्याय व विधि मंत्रालय ने नवनियुक्त जजों और पदोन्नत जजों की अलग अलग सूचियां जारी की हैं। उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े जानकारों का कहना है कि निकट अतीत में एकमुश्त व एक दिन में बड़ी तादाद में नियुक्तियों का सिलसिला पहली बार देखने में आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने आठ अगस्त से एक सितंबर के बीच विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा भेजी गई 100 नामों की सिफारिशों पर विचार करने के बाद 12 हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 68 नाम सरकार के पास भेजे थे। इसके बाद कुछ और नाम सरकार को भेजे गए थे। 11 अक्तूबर को राजस्थान हाईकोर्ट में तीन वकीलों व दो न्यायिक अधिकारियों को जज नियुक्त किया गया। नौ अक्टूबर को आठ जजों को पदोन्नत कर हाईकोर्टों का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और पांच हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का कॉलेजियम की सिफारिश पर तबादला किया गया। एक अन्य घटनाक्रम में 11 अक्टूबर को सात जजों का विभिन्न हाईकोर्ट में स्थानांतरण किया गया।