नई दिल्ली। ट्रेनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाते हुए रेल मंत्रालय 705 करोड़ रुपये के बड़े ऑर्डर में लगभग 15,000 कोचों के अंदर सीसीटीवी लगाने जा रहा है। इसमें राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के साथ-साथ ईएमयू, मेमू और डेमू जैसी यात्री ट्रेनों के 14,387 कोच शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह परियोजना देश भर की ट्रेनों को कवर करेगी। मंत्रालय ने पिछले साल संसद को बताया था कि अब तक करीब 2,930 रेल कोच सीसीटीवी से कवर किए जा चुके हैं। इसलिए मौजूदा ऑर्डर करीब पांच गुना बड़ा होगा।
रेलवे की योजना सभी 60,000 कोचों को सीसीटीवी निगरानी के साथ दरवाजे, वेस्टिब्यूल क्षेत्र और गलियारे क्षेत्र में कवर करने की है, और यह सुनिश्चित करना है कि गोपनीयता का कोई उल्लंघन न हो। इन इंटरनेट प्रोटोकॉल-आधारित सीसीटीवी में वीडियो एनालिटिक्स और फेशियल रिकग्निशन सिस्टम भी होंगे। वे आरपीएफ पोस्ट, डिवीजनल और जोनल मुख्यालयों से कोचों के रिमोट संचालन और निगरानी को सक्षम बनाएंगे। प्रत्येक कोच में कम से कम दो पैनिक बटन का प्रावधान होगा। जिसको दबाने से निकटतम आरपीएफ पोस्ट या डेटा सेंटर अलर्ट हो जाएगा।
रेलवे कोचों के अंदर एक ऐसा सीसीटीवी सिस्टम चाहता है, जिससे हाई रेजोल्यूशन इमेज लेकर लक्षित व्यक्ति की स्पष्ट पहचान की सुविधा मिल सके। एडवांस सीसीटीवी की मदद से कम रोशनी की स्थिति में चेहरे की पहचान का मापदंड रेलवे ने तैयार किया है। रेलवे ने बताया है कि यह प्रणाली झटके और कंपन झेलने के लिए भी उपयुक्त होनी चाहिए। वंदेभारत और तेजस जैसी सभी नवीनतम ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे हैं।