अजब-गजब। कुदरत का अपना एक बेहद ही खूबसूरत नजारा होता है। कभी-कभी तो आसमान में छाए बादलो का एक अनोखा ही नजारा देखने को मिलता है जैसे मानो वो आपस मे उछल कूद मचा रहे हो। तथा कभी कहीं ज्वालामुखी के लावे का नीला रंग तो कभी कहीं खूनी ग्लेशियर। मानो ऐसा लगता है कि उस पर खून उतर आया हो। तथा कभी-कभी तो कुछ पंक्षी ऐसी होती हैं कि वह जब आसमान में उड़ती हैं तो एक खास ही दृश्य देखने को मिलता है। इसीलिए कहा जाता है दुनिया तेरे रूप निराले।
हमारी ये दुनिया बहुत रंग-बिरंगी तथा अजब-गजब सी है। यहा का नजारा हमेशा एक सा नही होता। कहीं हरे-हरे पेड़ हैं तो कहीं बर्फ से ढके सफेद पर्वत। यहां रंग हमेशा वैसे ही नहीं होते जैसे हम हमेशा से देखते आए हैं। ये कोई सपनों की दुनिया नहीं है, बल्कि हमारी पृथ्वी पर मौजूद तथ्य ही हैं जो अपने विचित्र रंगों की वजह से हमें चौंकाते रहते हैं।
खूनी ग्लेशियर – अंटार्टिका में कहीं कहीं सफ़ेद ग्लेशियर के नीचे से आयरन ऑक्साइड से भरा पानी का स्रोत बहता है जिसके वजह से ऐसा लगता है कि मानो इस ग्लेशियर से पानी बह रहा है।
ब्लैक सन – क्या आपने कभी काला सूरत देखा है? यह कोई सूर्यग्रहण नहीं है, बल्कि पलायन करते पंछी हैं जो हर वर्ष डेनमार्क से दक्षिण यूरोप जाते हैं। एक झुंड में ये पंछी सूरज को भी ढक देते हैं और गोल घेरे में चलते हैं।ब्लू लावा – इंडोनेशिया में स्थित यह ज्वालामुखी नीले रंग का लावा उत्सर्जित करता है। इसकी वजह यह है कि इस ज्वालामुखी में से मीथेन गैस निकलती है। साथ ही तापमान बहुत अधिक होने की वजह से यह बाहर आने पर भी नीले रंग का ही रहता
है।रेनबो ट्री – ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाला एक ख़ास किस्म का युकैलिप्टस का पेड़ एक विचित्र क्वालिटी दिखाता है। इसका तना भूरे रंग का ना होकर रंग-बिरंगा होता है।ग्रीन फ्लैश – सूरज के डूबते और उगते समय उसके छोर पर हरे रंग की एक चमक नजर आती है। यह रेफ्रैच्शन की वजह से होता है और दुनिया के लगभग हर समुद्र में होता है और दुनियाभर में देखा गया है।टेक्नीकलर पहाड़ – ये पहाड़ चीन में हैं। अलग-अलग किस्म के मिनरल मौजूद होने की वजह से इन पहाड़ी की मिटटी अलग रंग की है। इसी वजह से ये टेक्नीकलर लगते हैं।