सर्दियों में रेल यात्रियों को कंबल के लिए करनी होगी जेब ढीली…
नई दिल्ली। कोरोना की पहली लहर के बाद से ट्रेनों में बंद हुए बेडरोल की मांग सर्दियों का मौसम आने के साथ एक बार फिर बढ़ने लगी है। लेकिन अभी तक भारतीय रेलवे ने पहले की तरह ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा शुरू नहीं की है। हालांकि यात्रियों को फिर से बेडरोल उपलब्ध करवाने को लेकर रेलवे बोर्ड में मंथन का दौर चल रहा है। इस मामले में रेलवे का कहना है कि बेडरोल की सुविधा को लेकर अभी समीक्षा की जा रही है। जल्द ही कोई निर्णय होगा। इस बीच दिल्ली समेत कई रेल मंडल ट्रेनों में ऑन बोर्ड ऑन डिमांड डिस्पोजेबल ट्रेवल बेडरोल किट की सुविधा देने जा रहे हैं। इसके लिए यात्रियों को 300 रुपये भी चुकाने पड़ेंगे, लेकिन रेलवे ने जिस तरह की यह किट तैयार की है। वह यात्रियों की सुविधा को और जरूरतों को देखते हुए काफी सस्ता है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के तमाम दिक्कतों के बीच रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए अधिकांश रूटों पर ट्रेनों की सुविधाएं शुरू कर दी हैं। कोविड प्रोटोकॉल के बीच 95 फीसदी ट्रेनें चलने लगी हैं। इनमें 90 फीसदी से अधिक बर्थों की बुकिंग भी हो रही हैं। लेकिन पहले की तरह प्रीमियम, मेल एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों के एसी कोचों में अभी तक बेडरोल की सुविधा शुरू नहीं की गई है। सामान्य कोचों में जहां यात्री अपने बिस्तर और चादर घर से लेकर चल रहे हैं, वहीं एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए स्टेशन पर डिस्पोजेबल ट्रेवल बेडरोल की सुविधा दी गई है। दिल्ली मंडल ने भी अपने यहां से चलने वाली पांच दर्जन ट्रेनों में डिस्पोजल बेडरोल उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की है।300 रुपये वाली किट में यात्रियों को नॉन वोवन ब्लैंकेट, नॉन वोवन बेडशीट, नॉन वोवन पिलो, पिलोकवर, डिस्पोजेबल बैग, टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, कंघी, सैनिटाइजर सैशे, पेपरसोप और टिश्यू पेपर मिलेंगे। एक अन्य किट जिसकी कीमत 150 रुपये है, उसमें यात्रियों को केवल एक कंबल मिलेगा। वहीं तीसरी, मॉर्निंग किट है और जिसकी कीमत केवल 30 रुपये है, उसमें यात्रियों को टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, कंघी, सैनिटाइजर सैशे, पेपर सोप और टिश्यू पेपर मिलेंगे। ट्रेन में स्लीपर और एसी कोच में यात्रियों को बेडरोल देने की सुविधा कोरोना महामारी से पहले तक उपलब्ध थी। लेकिन कोविड के आने के बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रेलवे की ओर से बेडरोल/कंबल दिया जाना बंद कर दिया गया और यात्रियों से इन्हें घर से साथ लाने को कहा गया है।