नई दिल्ली। हरित ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को 101 खरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी। सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस (सीईएफ) ने जारी एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारत पूरी कोशिश के बावजूद 35 खरब डॉलर का फंड जुटाने में नाकाम रहेगा। जलवायु परिवर्तन में पिछले आयोजित कॉप26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2050 तक अपनी कुल जरूरत की 50 फीसदी ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से पूरी करेगा, जबकि 2070 तक हम शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। इसके बाद सीईएफ ने एक स्वतंत्र अध्ययन में बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को भारी-भरकम निवेश की जरूरत होगी। यह निवेश भारत के औद्योगिक, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र को कार्बन का स्तर घटाने में मदद करेगा। निवेश में 14 खरब डॉलर विकासशील देशों की ओर से क्षतिपूर्ति के तौर पर मिलने हैं। कुल निवेश का 15 खरब डॉलर उद्योगों में लगाना होगा, ताकि ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता को बढ़ाया जा सके।