Yoga Day 2023: तनाव को दूर करने, बॉडी को हेल्दी रखने के लिए योग बहुत जरूरी होता है। योग का नियमित अभ्यास हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में सहायता प्रदान करता है। योग से मन शांत रहता है। हम सभी जानते है कि भारत को योग गुरु कहा जाता है। योग भारत में ऋषि मुनियों के समय से ही चलता आ रहा है। योग भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। अब योग का प्रसार पूरे विश्व में हो रहा है। भारतीय योग गुरुओं के द्वारा ही विदेशी जमीन पर योगी की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया गया। आज दुनियाभर में बहुत से लोग योग को अपने जीवन का अहम हिस्सा मानने लगे है और नियमित योगाभ्यास करके उसका लाभ ले रहे हैं। इसलिए योग के प्रति सभी को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है। तो चलिए योग दिवस मनाने की शुरुआत किसने, कब और कहां की, इसके बारे में जानते हैं। इसके साथ ही इस वर्ष की थीम के बारे में जानेंगे।
योग दिवस की शुरुआत
मालूम हो कि बीते कुछ वर्षो में कोरोना के प्रकोप ने बहुतों की जान ले ली। जिसके बाद संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे। उसी समय से योग का महत्व और भी बढ़ गया। लेकिन योग दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से हो गई थी। इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया था।
योग दिवस का इतिहास
27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन की घोषणा कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया।
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस?
योग दिवस को मनाने के लिए एक दिन सुनिश्चित किया गया, जो कि 21 जून है। इसके पीछे खास वजह भी है। इस तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं।
भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए बेहद असरदार है। इस कारण प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सेलिब्रेट किया जाता हैं।
जानें 2023 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।