Sudarshan Setu: देश के सबसे लंबे ब्रिज का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

Sudarshan Setu: देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूने के रूप में  तैयार किया गया जो है सुदर्शन सेतु. बता दें कि ये देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है. आज इस ब्रिज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया. दरअसल, पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर है, जहां वो करीब 52 हजार करोड़ रूपए की सौगात देंगे. साथ ही वो राजकोट एम्‍स को भी जनता को समर्पित करेंगे. तो चलिए जानते है गुजरात के द्वारका में बने इस सुदर्शन सेतु के बारें में…

Sudarshan Setu: ‘सुदर्शन सेतु’ की लंबाई

गुजरात के द्वारका में ‘सुदर्शन सेतु’ एक केबल ब्रिज है. जो ओखा को समुद्र के बीच बसे बेट द्वारका (Beyt Dwarka) से जोड़ता है, जिसका आज यानी 25 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया है. वहीं, यदि इसके लंबाई की बात करें तो यह करीब 2.32 किलोमीटर लंबा ब्रिज है.

Sudarshan Setu: 2017 में पीएम मोदी ने रखी आधारशिला

‘सुदर्शन सेतु’ के निर्माण को साल 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी. जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर, 2017 को ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी. हालांकि पहले इसकी अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया.

Sudarshan Setu: ‘सुदर्शन सेतु’ की खासियत

  1. बता दें कि ‘सुदर्शन सेतु’ का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इसे ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाएगा. कहा जा रहा है कि ये ब्रिज द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बेहद ही खास महत्व रखेगा.
     
  2. यह ब्रिज चार लेन वाली 27.20 मीटर चौड़ी है, जिसपर दोनों ओर 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं. बताया जा रहा है कि सुदर्शन सेतु का अद्वितीय डिजाइन है. इसमें दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है.
     
  3. ब्रिज के फुटपाथ के ऊपरी भाग पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली भी पैदा हो सकेगी.
  1. इस ब्रिज के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. उन्हें नाव का सहारा लेना पड़ता था और मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा भी करनी पड़ती थी. वहीं, अब इस ब्रिज के बन जाने से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा. साथ ही यात्रा करने वाले भक्तों के समय में भी काफी बचत होगी.
     
  2. बता दें कि इस ब्रिज का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है. 
     
  3. वहीं, जिस पुल को पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है. बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है.

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