Maharashtra: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में कुख्यात नक्सली मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया है. इसे सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता और माओवादियों के लिए करारा झटका माना जा रहा है. सोनू पर सुरक्षाबलों ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. उसके समर्पण से अबूझमाड़ में नक्सलियों की कमर टूट गई है.
‘पूरी तरह गलत था रास्ता’
एक पत्र में सोनू ने अपने साथियों से कहा था कि वह मौजूदा परिस्थितियों में अब सशस्त्र संघर्ष जारी नहीं रख सकते. उन्होंने स्वीकार किया कि माओवादियों ने रास्ता अपनाया वह ‘पूरी तरह गलत’ था, और संगठन के पतन को रोक न पाने के लिए माफी भी मांगी. सोनू ने यह भी कहा कि नेतृत्व की लगातार गलतियों ने माओवादियों को गहरे नुकसान पहुंचाए.
सितंबर में हथियार डालने का दिया था संकेत
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देश भर की राज्य सरकारों के नेतृत्व में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निरंतर अभियानों का परिणाम है. सितंबर में सोनू ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हथियार डालने का संकेत दिया था. उन्हें छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में माओवादी कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से से समर्थन मिला, जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया.
वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू को मिला अन्य साथियों से समर्थन
पुलिस के अनुसार सोनू को भाकपा (माओवादी) के उत्तर उप-क्षेत्रीय और पश्चिम उप-क्षेत्रीय ब्यूरो से समर्थन मिला है, जिन्होंने मुख्यधारा में शामिल होने में रुचि दिखाई है. पुलिस ने कहा कि सोनू ने 15 अगस्त को एक मौखिक और लिखित बयान जारी कर दावा किया था कि वे युद्धविराम के लिए तैयार हैं.
पिछले हफ्ते ऐसी खबरें आईं थीं कि तेलंगाना के मूल निवासी वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. एक पत्र में उन्होंने कार्यकर्ताओं से खुद को बचाने औरव्यर्थ बलिदान न देने का आह्वान किया था, जिससे हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने को लेकर माओवादियों के भीतर दरार उजागर हुई थी.
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