पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, हम लोग मंगल कार्यों में श्री गणेश जी की पूजा तो कर लेते हैं लेकिन गणेश तत्व से परिचित नहीं है। अगर आप गणेश तत्वों से परिचित हो जायेंगे तो विशेष रूप से आप श्री गणेश जी का पूजन कर सकेंगे। जब विशेष रूप से पूजन स्मरण करेंगे तो श्री गणेश जी की कृपा के आप विशेष रूप से पात्र बनेंगे।
परमतत्व व्यापकतत्व है। परम तत्व को यदि हम व्यापक रूप से देखने लगेंगे तो हमारा कल्याण सुनिश्चित है। ईश्वर को न मानने की अपेक्षा केवल मूर्ति में ईश्वर को मानना अच्छा है। जब हम ईश्वर को एक जगह रहने वाला मान लेते हैं, मन तो एक जगह रहेगा नहीं,वो तो चारों तरफ भागता रहता है, भगवान एक जगह है। और मन अनेक जग जायेगा। तो एक का चिंतन कैसे होगा। इसीलिए शास्त्र कहते हैं कि- आप अपने इष्ट को कण-कण में, जन-जन में देखने का अभ्यास करो। उसका फल क्या होगा? आपका कार्य होता रहेगा और आपका भजन भी चलता रहेगा। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश), श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर, जिला-अजमेर (राजस्थान)