पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जो व्यक्ति श्रीशिवमहापुराण की कथा सुनता है, उसके ज्ञात-अज्ञात समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं। जान के किये गये या धोखे से हो गये समस्त पापों की समाप्ति श्रीशिवमहापुराण श्रवण करने से प्राप्त हो जाती है। जो व्यक्ति श्रीशिवमहापुराण श्रवण करता है, वह संसार में सभी सुख भोगने के बाद अंत में परमधाम को प्राप्त होता है, यह भगवान शंकर ने वचन दिया है। धर्म अर्थ काम और मोक्ष चार प्रकार के पुरुषार्थ संसार में माने गये हैं। मानव को चार वस्तुएं चाहिए- अर्थ, काम, धर्म और मोक्ष। श्रीशिवमहापुराण के श्रवण से अर्थ की प्राप्ति होती है। कामनाओं की पूर्ति होती है। बुद्धि निर्मल होकर धर्म में लगती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों की सिद्धि के लिए श्रीशिवमहापुराण का श्रवण अवश्य करना चाहिए। शौनकादि ऋषियों ने कहा आप हमें श्रीशिवमहापुराण सुनाइये। भगवान शंकर सब को सुख देने वाले भोले शंकर है। ज्यादातर दैत्य भगवान शंकर की उपासना करते हैं। ऐसा क्यों है? इसका मतलब यह नहीं कि केवल दैत्य ही भगवान शंकर की उपासना करते हैं।दैत्य इसलिये शिव की उपासना करते हैं।क्योंकि भोले बाबा अपने दरबार में आने वालों की झोली खाली नहीं रखते, जो जिस भाव से आता है, उसको दे ही देते हैं। श्रीनारायणजी की शरण में जाओ, श्रीरामजी की शरण में जाओ, वे सोच समझकर वर देते हैं, कि- यह दें या ना दें। ये सोचते हैं, लेकिन भगवान शंकर ये नहीं सोचते कि इसे देना या नहीं देना है। इसने मेरा भजन किया है, यह मेरे दरबार में आया है इसीलिए जो मांगता है दे दो। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना. श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)