नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरह से बाधित न हो। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सुझाव दिया कि या तो स्कूल फीस माफ करे या राज्य सरकार खर्चा वहन करे। शीर्ष अदालत ने राज्यों के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जिला शिक्षा अधिकारी से कहा है कि वह इस मामले में स्कूल प्रशासन से बातचीत करें और यह सुनिश्चित कराएं कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई मौजूदा साल में किसी भी तरह बाधित न हो। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूरे देश के जिलाधकारियों को कहा है कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी करे, ताकि पीएम केयर्स फंड से ऐसे बच्चों को लाभ मिल सके। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पीएम केयर्स फंड से बच्चों को लाभ देने के लिए अलग से पोर्टल बनाया गया है और इसके तहत 21 अगस्त तक 2600 बच्चे रजिस्टर्ड हुए हैं। 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अनाथ बच्चों का पंजीकरण किया गया है। इनमें 418 आवेदनों को जिलाधकारियों ने मंजूर किया है।