गोरखपुर। आर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से हुई ऑनलाइन संगोष्ठी में देशभर के जाने-माने ऑर्थोपीडिक सर्जनों ने कहा कि लिगामेंट की सर्जरी सुरक्षित और बेहद सफल है। इसमें कोई भी नुक सान नहीं है। उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के निर्देश पर गोरखपुर आर्थोपेडिक क्लब की ओर से ऑनलाइन संगोष्ठी हुई। देश के जाने-माने ऑर्थोपीडिक सर्जनों ने लिगामेंट और दूरबीन विधि द्वारा घुटने के ऑपरेशन के बारे में जानकारी साझा की। कोलकाता से जुड़े डॉ. राजीव रमन, दिल्ली के डॉ. अंकित गोयल, लखनऊ के डॉ. आशीष कुमार, वाराणसी से डॉ. विनय पांडेय ने घुटने के अंदर इंटीरियर लिगामेंट के टूट जाने के बाद उसे दोबारा स्थापित करने के बारे में जानकारी दी। इस बीच ऑपरेशन का वीडियो भी दिखाया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में वाराणसी से डॉ. उन्मेष चक्रवर्ती, आगरा से डॉ. अरूणा गुप्ता, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने घुटने के अंदर उपस्थित पोस्टीरियर लिगामेंट के टूट जाने के बाद उसे फिर से स्थापित करने के बारे में जानकारी दी। तीसरे सत्र में मुंबई से जुड़े डॉ. रोशन वाडे, पटना से डॉ. अरविंद प्रसाद, लखनऊ से डॉ. मोआज्जाम ने घुटने के अंदर पाए जाने वाले मेनिस्कस के टूट जाने पर उसके रिपेयर की जानकारी दी। दिल्ली के डॉ. दीपक जोशी ने घुटने के अंदर कार्टिलिज के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में दूरबीन विधि द्वारा कार्टिलिज के दोबारा निर्माण के बारे में जानकारी दी। गाजियाबाद से डॉ. हिमांशु गुप्ता ने घुटने के अंदर एक से ज्यादा लिगामेंट के टूट जाने की गंभीर परिस्थितियों और उसे ठीक करने के बारे में बताया। संगोष्ठी में गोरखपुर से डॉ. पवन प्रधान, डॉ. सतपाल सिसोदिया, डॉ. एसी कौशिक, डॉ. इमरान अख्तर के अलावा वाराणसी से डॉ. आशुतोष अग्रवाल, कानपुर से डॉ. चंदन कुमार, डॉ. निर्भया सक्सेना जुड़कर लिगामेंट विधि के बारे में बताया। संगोष्ठी के कार्यकारी सचिव डॉ. अमित मिश्रा ने सभी डॉक्टरों के प्रति आभार ज्ञापन करते हुए संचालन की भूमिका निभाई। इस मौके पर गोरखपुर आर्थोपेडिक क्लब के अध्यक्ष डॉ बीबी त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय धवन, सचिव डॉ. अनूप अग्रवाल जुड़े रहे।