गोरखपुर। गोरखपुर खाद कारखाने का निर्माण करा रही हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) अपने कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत जिले में स्वास्थ्य, पर्यटन और पंचायतों के विकास पर 40 करोड़ रुपये खर्च करेगी। कंपनी ने इन विकास परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को सौंपी है। प्राधिकरण ही इन परियोजनाओं को पूरा कराने के लिहाज से कार्यदायी संस्था होगा। इस संबंध में एचयूआरएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुबोध दीक्षित और जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों की सुरक्षा के लिए एचयूआरएल ने जिले के 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में पीकू (बाल सघन चिकित्सा इकाई) वार्ड विकसित करने का निर्णय लिया है। जिले की कुल 20 सीएचसी में से तीन में यह सुविधा पहले से है। जीडीए इसका निर्माण कराएगा, साथ ही एक साल तक पीकू वार्ड में चिकित्सकों से लेकर पैरा मेडिकल स्टॉफ की तैनाती भी खुद करेगा। एक साल बाद इसे स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा। एचयूआरएल अपने सीएसआर फंड से पीकू वार्ड बनाने पर 24.05 करोड़ रुपये खर्च करेगा।