CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित नव नियुक्त अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होने कहा कि 2021 से 2023 के बीच में डेढ़ वर्ष के अंदर हमारी सरकार 21 नियुक्ति पत्र कार्यक्रम संपन्न करा चुकी है। इसके तहत लगभग 55,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है। सीएम योगी ने नव नियुक्त अधिकारियों को वर्तमान सरकार की कार्यशैली के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश भर से जुड़ी हुई समस्याएं किसी ना किसी रूप में आपके पास आएंगी। हमारा प्रयास होना चाहिए एक फाइल एक टेबल पर 3 से अधिक दिन न रहे।
6 वर्ष में 6 लाख युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
इस कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि अपने नागरिकों के साथ शासन की योजनाओं को नौकरियों में भेदभाव करना सबसे बड़ा पाप है, जो सरकारें प्रदेश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकतीं थी जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है। हमारी सरकार ने यह व्यवस्था बनाई है कि चयन की प्रक्रिया से लेकर नियुक्ति प्रक्रिया तक किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेदभाव न होने पाए। विगत छह वर्ष में छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में हम सफल रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की नियुक्ति प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनौती से जो घबरा जाता है वह कुछ नहीं प्राप्त कर पाता। अगर चुनौती आपके सामने है तो इसका मतलब है कि आपके लिए कुछ नए अवसर आने वाले हैं।
बेरोजगारी दर को कम करने में सफल रही यूपी सरकार
वहीं उन्होने आगे कहा कि 2017 के पहले यूपी में बेरोजगारी दर 19 फीसदी से ज्यादा थी। विगत छह वर्ष में हमारी सरकार प्रदेश में बेरोजगारी दर को कम करने में सफल रही है। दो करोड़ से अधिक युवाओं को हम लोगों ने स्वरोजगार के साथ जोड़ने का काम भी किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा आयोग बनाने जा रहे हैं। इसके तहत उच्चतर शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा चयन आयोग की प्रक्रिया को जोड़ देंगे। सीएम योगी ने कहा कि संविधान प्रदत्त आरक्षण की सुविधा की लाभ हर तबके को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का संकल्प लिया है। इसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। अगर प्रदेश का हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में इमानदारी से कार्य करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे तो उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में सफल रहेंगे।