Gorakhpur: गोरखपुर में अपराधियों के जेल से रिहा होने के बाद उनकी निगरानी के लिए अब टेक्निक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए ऑपरेशन ब्रह्मास्त्र की शुरुआत की गई है, जिसके तहत पुलिस हिस्ट्रीशीटर, सक्रिय बदमाश व अपराध से नाता तोड़ चुके हिस्ट्रीशीटरों से सहमति पत्र भरवाकर गूगल मैप के जरिए उनकी ऑनलाइन निगरानी करेगी।
प्रयोग के तौर पर इस ऑपरेशन के पहले चरण में गोरखपुर समेत जोन के सभी जिलों में 50-50 बदमाशों की निगरानी की जाएगी। जबकि, दूसरे चरण में इसे और विस्तार दिया जाएगा। बीच-बीच में वीडियो कॉल करके बदमाश के दिए गए लोकेशन की सच्चाई भी जांची जाएगी। सहमति देने वाले बदमाश को रोजाना अपना लोकेशन शेयर करना होगा, जिसकी मदद से पुलिस 24 घंटे उनकी निगरानी कर सकेगी।
यह जानकारी एडीजी अखिल कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन ब्रह्मास्त्र के जरिए पुलिस बदमाशों से संपर्क करेगी। सहमति पत्र लेगी, फिर ऐसे बदमाशों को अपना लाइव लोकेशन शेयर करना होगा। इससे अपराध छोड़ने वालों के घर पुलिस नहीं जाएगी और उनके परिवार को शांति मिलेगी तो दूसरे सहमति न देने वाले बदमाशों की निगरानी और बढ़ा दी जाएगी। अगर वह इससे जुड़ेंगे तो पुलिस बार-बार घर जाकर परेशान नहीं करेगी, ऑनलाइन निगरानी कर ली जाएगी।
एडीजी ने कहा कि ऐसा संभव है कि कुछ लोग इसका फायदा लेकर अपना फोन किसी और देकर स्वयं अपराध में लिप्त हो जाएं। साथ ही लाइव लोकेशन किसी व्यक्ति के स्वयं के मौजूद होने को प्रमाणित होने की व्यवस्था नहीं है, यह किसी वीडियो लोकेशन के माध्यम से ही संभव है। अगर ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ किसी अपराध में लिप्त होने की कोशिश की शिकायत प्राप्त होती है तो उपरोक्त व्यवस्था के तहत उसकी जांच होगी।
अगले चरण में एंकल डिवाइस का इस्तेमाल
एडीजी ने बताया कि विदेशों में एंकल डिवाइस बदमाशों के हाथ में लगा दिया गया है। यह घड़ी की तरह होती है, जिसे बदमाश खुद नहीं निकाल सकता है। इसे भी अगले चरण में लाने की तैयारी की जा रही है। अगर प्रयोग सफल रहा तो जल्द ही इस डिवाइस को मंगाया जाएगा।