Shrikrishna Janmabhoomi: ट्रस्ट ने पहली बार ईदगाह की भूमि पर किया अपना दावा, मथुरा कोर्ट में याचिका को मिली मंजूरी

Shri krishna janmabhoomi trust : श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद में आज पहली बार श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ईदगाह की भूमि पर अपना दावा करते हुए मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसपर कोर्ट ने सुनवाई की और उसे हाईकोर्ट भेजने के लिए कहा। जिससे की हाईकोर्ट में इस प्रकरण में पूर्व में चल रही 17 याचिकाओं पर सुनवाई के साथ समायोजित किया जा सके। आपको बता दें कि यह याचिका ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने रखा है।

 

यह समझौता पूर्ण रुप से गलत

विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, जिसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर की देखरेख, साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के नाम से बनाया था। इस संघ के द्वारा गैर आधिकारिक तौर पर 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से भूमि को लेकर समझौता किया था। इस समझौते के तहत ढाई एकड़ के करीब भूमि ईदगाह कमेटी को दे दी गई। ये समझौता पूर्ण रूप से गलत है।

इस मामले में 17 याचिका हो चुकी है दायर

वहीं, इस समझौते की डिक्री 1973 व 1974 में न्यायालय द्वारा की गई। इसे रद किया जाए। अब तक जन्मस्थान मामले में 17 याचिका दायर हो चुकी हैं, लेकिन ये पहला मामला है, जिसमें जन्मभूमि ट्रस्ट खुद ही वादी है। ट्रस्ट के गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने 1968 में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से प्रमुख दस बिंदुओं पर बिना किसी अधिकार के समझौता किया था। 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है। दावा किया गया है कि जब भूमि सेवा संघ के नाम पर थी ही नहीं तो उसके द्वारा समझौता कैसे किया जा सकता है।

 

 

 

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