Lucknow: मानसून का फिर से सक्रिय होने का अनुमान है। इसे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ को देखते हुए अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मौसम विभाग की ओर से राज्य में मानसून के पुनः सक्रिय होने की जानकारी दी गयी है। सीमावर्ती राज्यों द्वारा बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों में संभावित बाढ़ के दृष्टिगत राहत और बचाव के व्यापक प्रबंध किए जाएं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, प्रदेश में बाढ़ की आशंका को देखते हुए 2,288 बाढ़ चौकियां तथा 2,073 शरणालय चिन्हित किए गए हैं। राहत व बचाव कार्यां के लिए 8,192 नावें चिन्हित हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 953 स्वास्थ्य शिविर तथा 1,044 स्वच्छता टीमें बनायी गई हैं। सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि राहत शिविरों में प्रकाश आदि का पर्याप्त प्रबंध होना चाहिए। आपदा कंट्रोल रूम को चौबीस घण्टे सक्रिय रखा जाए। समस्त अतिसंवेदनशील तटबन्धों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियन्ता स्तर के नामित किए जा चुके हैं, वे चौबीस घंटे अलर्ट मोड में रहें। लगातार पेट्रोलिंग करके तटबन्धों का निरीक्षण एवं सतत निगरानी की जाए।
सीएम योगी ने सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ, एसडीआर्रएफ/पीएसी तथा गोताखोर टीमों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी की जाए। मौसम सम्बन्धी पूर्व चेतावनी का अलर्ट सिस्टम द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाए।
राहत शिविरों के पास स्वास्थ्य शिविर लगाएं जाएं
उन्होंने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित/मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की भी संभावना रहती है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर संचालित किए जाएं। एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता अवश्य रहे। आशा कार्यकर्ता/एएनएम द्वारा ओआरएस पैकेट तथा महिलाओं/किशोरियों को डिगनिटी किट वितरित की जाए।
राजस्व व कृषि विभाग की टीम को नुकसान का सर्वे करने का दिया आदेश
उन्होंने सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे, ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए।