Delhi Air Pollution: दिल्ली में दिवाली से बढ़ते प्रदूषण के बीच 13 दिनों में 2,762 जगहों पर धूल रोधी अभियान चलाया गया. इस दौरान प्रदूषण फैलाने वाली जगहों पर करीब 17.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही 76 जगहों पर काम कर रहीं एजेंसियों को नोटिस भी दिया गया है. इस अभियान में 13 संबंधित विभागों के अधिकारियों की 523 टीमें लगी हुई हैं.
खास बात ये है कि दिल्ली सरकार ने सख्त हिदायत दी है कि निर्माण स्थलों पर धूल रोकने से जुड़े 14 नियमों को पूरी तरह लागू करना जरूरी है ऐसा न करने वाली निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई होगी. ऐसे में चलिए जानते है कि वो कौन कौन से 14 नियम है.
Delhi Air Pollution: निर्माण स्थलों के लिए 14 नियम
- निर्माण स्थल के चारों ओर धूल रोकने के लिए टीन की ऊंची दीवार खड़ी करनी होगी.
- पांच हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगानी होगी.
- पांच से दस हजार वर्ग मीटर की साइट पर एक, 10-15 हजार वर्ग मीटर साइट पर दो, 15-20 हजार वर्ग मीटर की साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर न्यूनतम चार एंटी स्मॉग गन होनी जरूरी है.
- निर्माण और तोड़फोड़ कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या नेट से ढंकना होगा
- निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की उचित सफाई करनी होगी.
- निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहन पूरी तरह ढकने होंगे.
- मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी होगा. साथ ही सड़क किनारे फेंकने पर पाबंदी होगी.
- किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू से ढकना होगा.
- खुले में पत्थर की कटिंग का काम नहीं करना होगा.
- धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में नियमित पानी का छिड़काव करें.
- बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थल तक जाने वाली सड़के पक्की होनी चाहिए.
- अपशिष्ट की निर्माण स्थल पर रिसाइकलिंग या तयशुदा साइट पर निस्तारण होगा
- निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग के वक्त कर्मचारी के पास डस्ट मास्क होना आवश्यक.
- साइट पर काम करने वालों का चिकित्सा का इंतजाम होगा.
- इसके अलावा साइट पर इन दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड लगाना भी जरूरी होगा.
इसे भी पढें:- Varanasi: सौगातों का पिटारा लेकर आज काशी आ रहे पीएम मोदी