Lucknow: उत्तर प्रदेश में अब नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है कि हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी (District Drug Control Officer) का नया पद सृजित किया जाएगा. इससे प्रदेश में दवाओं की जांच प्रक्रिया को और अधिक सशक्त, त्वरित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा.
सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
प्रदेश में नकली और निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की बरामदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इनकी जांच का दायित्व औषधि निरीक्षकों पर है, लेकिन फिलहाल 13 जिलों में निरीक्षक पद ही रिक्त हैं. कई निरीक्षक दो-दो जिलों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिससे निगरानी प्रभावित हो रही है. इस स्थिति को सुधारने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि नियंत्रण संवर्ग का पुनर्गठन किया जाएगा.
सभी जिलों में होगी नियुक्ति
यह अधिकारी औषधि निरीक्षकों की देखरेख करेगा. वर्तमान में निरीक्षक जिला मजिस्ट्रेट के अधीन कार्य करते हैं. इसी क्रम में उपायुक्त (औषधि) के पदों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जो अभी केवल एक है. विभाग में कुल 109 औषधि निरीक्षक पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 32 रिक्त हैं. इसलिए निरीक्षकों की संख्या दोगुनी की जाएगी. उपायुक्त से पदोन्नत अधिकारियों को संयुक्त आयुक्त (ऑषधि) के पद पर नियुक्त किया जाएगा, जिसके लिए अर्हता सेवा अवधि में बदलाव होगा. नियमावली के अनुसार उपायुक्त को चार वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी. नई व्यवस्था लागू होने के बाद प्रदेश के हर जिले में दवाओं की नियमित जांच और निगरानी संभव हो सकेगी. नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगेगी और गुणवत्ताविहीन दवाएं बाजार में आने से पहले ही पकड़ी जा सकेंगी.
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