‘उपद्रवियों को उनकी ही भाषा में देना होगा जवाब’, CM योगी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए दिए कई निर्देश

Lucknow News: बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई जिलों में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की घटनाओं के बाद पुलिस प्रशासन के सामने दीवाली और छठ पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों व अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों व उपद्रवियों को उनकी भाषा में ही जवाब देना होगा। साथ ही, त्योहार व देव दीपावली को देखते हुए 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है.

किसी व्यापारी का न हो उत्पीड़न

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आगामी त्योहारों के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है इसलिए पुलिस-प्रशासन सहित पूरी टीम चौबीसों घंटे अलर्ट रहें. साथ ही बीते एक माह की गतिविधियों की समीक्षा करें और चिन्हित उपद्रवियों एवं अराजक तत्वों पर कठोर कार्रवाई करें. वहीं, सोशल मीडिया पर भी अफवाहों को फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करें. वहीं, आगामी त्‍योहारों के मद्देनजर बाजारों में चहल-पहल अधिक होगी. ऐसे में डीएम और एसपी इस बात का ध्‍यान दें कि किसी व्यापारी का उत्पीड़न न हो.

वाराणसी में 15 नवंबर को मनाई जाएगी देव-दीपावली

उन्‍होंने आगे कहा कि शरारती तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं, लिहाजा संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करें और कोई अप्रिय घटना की सूचना पर खुद डीएम और एसपी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि श्रीरामलला भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामजन्मभूमि मंदिर में यह पहला दीपोत्सव है. ऐसे में वहां इस बार हर साल की अपेक्षा अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति अधिक होगी. इसके अलावा, 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी. ऐसे में दोनों स्‍थानों पर सेफ्टी-सिक्योरिटी और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए.

सभी विभागों में हो नोडल अधिकारी

इसे अलावा, सीएम योगी ने ये भी कहा कि सभी विभागों में आईजीआरएस, संपूर्ण समाधान दिवस और सीएम हेल्पलाइन अथवा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री के स्तर से प्राप्त आम जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए. जिसकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए. शिकायतकर्ता का फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए. जिलों में भी विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए.

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