Mahakumbh 2025: हर रोज 800 से 1000 यात्री मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने के लिए आते थे. ऐसे में प्रतिदिन दो लाख से अधिक का राजस्व होना मुश्किल होता था, लेकिन महाकुंभ में प्रतापगढ़ जंक्शन दिन-रात यात्रियों से भरा रहा. जंक्शन से होकर दो दर्जन महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन हुआ. 20 करोड़ रुपये बरसे हैं. यूं कहें तो महाकुंभ ने तो रेलवे का खजाना ही भर दिया.
बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ का इस बार 144 साल बाद कुछ ऐसा संयोग बना कि देश-विदेश के लोग स्नान करने संगम खीचे चले आए. इस दौरान संतों-सितारों, राजनेताओं-उद्योगपतियों का संगम घाट पर अद्भुत नजारा देखने को मिला. मेले का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ, जो 26 फरवरी को समाप्त हो गया. इसमें मुख्य रूप से पौष पूर्णिमा, वसंत पंचमी, मौनी अमावस्या, माघी पूर्णिमा व महाशिवरात्रि पर अधिक भीड़ प्रतापगढ़ जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने के लिए उमड़ी.
उम्मीद से अधिक मिला राजस्व
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई दिक्कत न होने पाए, इसके लिए दो दर्जन से अधिक महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का भी यहां से होकर संचालन किया गया. वहीं, पिछले डेढ़ माह में मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन से महाकुंभ स्नान करने के लिए 1,67,820 रेल यात्रियों ने यात्रा की. इसमें 20 करोड़ 6 लाख 91 हजार 450 रुपये का राजस्व भी हुआ, जिससे रेलवे का खजाना भर गया. खास बात ये है कि रेलवे को भी उम्मीद नहीं थी कि प्रतापगढ़ जंक्शन से करोड़ों रुपये का राजस्व आएगा.
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