Rangbhari Ekadashi 2025: रंगभरी एकादशी त्रिदिवसीय लोक उत्सव की श्रृंखला में इस साल मंदिर के पारंपरिक पर्व को लोकमानस के और निकट लाने का प्रयास किया गया. दरअसल, शनिवार को बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा की चल प्रतिमा शास्त्रीय अर्चना के साथ मंदिर चौक में शिवार्चनम मंच के निकट तीन दिन के लिए विराजमान की गई. यह विशेष आयोजन भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से किया गया.

वहीं, रविवार की सुबह मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थल से बाबा विश्वनाथ के लिए भेंट की गई अबीर एवं उपहार सामग्री तथा सोनभद्र से श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे. इस दौरान भक्तों द्वारा राजकीय फूल पलाश से निर्मित हर्बल गुलाल को बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में अर्पित किया गया.
निकाली गई बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा की पालकी
इसके साथ ही मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्र एवं डिप्टी कलेक्टर शम्भु शरण ने विधि-विधानपूर्वक श्री विश्वेश्वर का पूजन किया और हर्बल गुलाल अर्पित किया. इसके बाद बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा की पालकी मंदिर चौक में निकाली गई. यह यात्रा श्रद्धालुओं एवं स्थानीय काशीवाशियों के बीच एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनी. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में भाग लिया और बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा की प्रतिमा पर हल्दी लगाने की प्रथा का निर्वहन किया.
इसे भी पढें:-प्रधानमंत्री मोदी से मिले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी के BJP अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हुई बात