UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़काने और पुलिस पर फायरिंग करने के 2 और आरोपियों का एनकाउंटर हुआ है. दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगने से घायल इदरीस और इकबाल को पुलिस ने दबोच लिया है, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं दोनों आरोपियों से पुलिस को हथियार भी मिले हैं. दोनों पर 26 सितंबर को इस्लामिया इंटर कॉलेज इलाके में दंगे के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने और एक सिपाही की सरकारी एंटी-रायट गन लूटने का आरोप है.
मुखबिर की सूचना पर मुठभेड़
बुधवार सुबह करीब सात बजे पुलिस को गोपनीय सूचना मिली कि दंगे के दो आरोपी मीरगंज की तरफ जा रहे हैं. जो पुलिस से छिनी हुई एंटी गन को बेचने के फिराक में हैं. पुलिस तत्परता दिखाते हुए बंडिया नहर हाईवे पुलिया पर नाकाबंदी कर दी. पुलिस ने थोड़ी देर बाद मोटरसाइकिल से आ रहे इदरीश और इकबाल को रोकने का प्रयास किया गया. पुलिस को देखते ही दोनों ने गोली चलानी शुरू कर दी और भागने लगे. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिससे दोनों के पैर में गोली लगी और दबोच लिए गए.
गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास
बता दें कि इदरीस उर्फ बोरा/गोरा की पहचान उम्र 50 साल निवासी शाहजहांपुर के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ करीब 20 मुकदमे दर्ज हैं. फतेहगढ़, शाहजहांपुर, हरदोई समेत कई पुलिस थानों में इदरीस के खिलापु चोरी, डकैती, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट (हथियारों से जुड़े मामले) के तहत कार्रवाई हुई है. वहीं इकबाल की पहचान उम्र 48 साल निवासी शाहजहांपुर के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ 17 मुकदमे दर्ज हैं. हरदोई, शाहजहांपुर और सीतापुर के अलग-अलग थानों में उसके खिलाफ चोरी, घर में सेंधमारी, डकैती, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है.
बरामद सामान
- दो तमंचे 315 बोर के
- तीन कारतूस और दो खोखा
- एक सरकारी एंटी रायट गन (जो दंगे में छीनी गई थी)
- एक पैशन प्लस मोटरसाइकिल
- दो मोबाइल फोन
बरेली हिंसा में 3000 लोगों के खिलाफ FIR
बरेली पुलिस अभी सैकड़ों और लोगों को गिरफ्तार कर सकती हैं, क्योंकि हिंसा मामले में जो एफआईआर फाइल की गई है, उसमें नामजद और अज्ञात लोगों को मिलाकर कुल 3000 लोगों के साक्ष्य पुलिस के पास हैं.
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