UP के इन 5 जिलों में पटाखों ने बढ़ाया प्रदूषण, हवा में घुला जहर

Up news: देशभर में दीपावाली पर इस बार खूब आतिशबाजी हुई. यही वजह है कि प्रदूषण का बम भी फूटा. ध्वनि के साथ-साथ इस बार वायु प्रदूषण भी ज्यादा रहा.  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दीपावली पर दो दिन तक हुई आतिशबाजी ने हवा में जहर घोल दिया है. इसकी वजह से प्रदूषण इतना बढ़ा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दो दिन में ही काफी बढ़ गया है. इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक

एक्यूआई रीडिंग को अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम प्रदूषित (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है.

उत्तर प्रदेश के इन शहरों में इतना है एक्यूआई

मेरठ – 332
मुज्जफरनगर – 277
हापुड़ – 244
बुलंदशहर – 214
लखनऊ – 211
मुरादाबाद – 185
कानपुर – 183
प्रयागराज – 175
आगरा – 173 
बरेली – 153

आंख, गले, और फेफड़ों पर सीधा असर

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों से निकलने वाले धूलकण, कार्बन, सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड जैसे तत्व हवा में घुलकर उसे प्रदूषित कर रहे हैं. ये कण आंखों, गले, और फेफड़ों पर सीधा असर डालते हैं. सांस की बीमारी, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है.

प्रदूषण से बचाव के लिए सावधानी बरतें

जिला अस्पताल में हृदय विभाग के चिकित्सक डा. रोहित गुप्ता ने बताया कि प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनकर निकलना बेहतर होगा. हृदय, सांस के रोगी और बुजुर्ग सावधानी बरतें. दीपावली के बाद हर वर्ष वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर दिखाई पड़ता है. एमएमयूटी में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आचार्य एवं पर्यावरणविद प्रो. गोविंद पांडेय ने कहा कि दीपावली पर लोगों को पटाखा जलाने में संयम बरतना चाहिए था. अत्यधिक पटाखा जलाने से हवा में भारी मात्रा में सूक्ष्म धूलकण फैल गए हैं. इस वजह से एक्यूआइ प्रभावित हुआ है.

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