UP: उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी हुआ है. दरअसल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार से शुरू हुए 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सरकारी विभागों के कार्यालयों में हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने वाले कर्मियों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है. साथ ही सार्वजनिक रूप से सबको सचेत करने और कार्यालय परिसर में चेतावनी सूचक बोर्ड लगाने की भी बात कही है, जिससे पुनरावृत्ति होने पर कार्यालय में उनका प्रवेश निषेध करने के साथ अनुपस्थित माना जाए.
बता दें कि सब कार्यो के लिए सुरक्षाकर्मियों और सीसीटीवी की मदद ली जाएगी. मुख्य सचिव का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं व उसमें होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब है. इसमें कमी लाना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है.
सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन
मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों को यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करके इसमें कमी लाई जा सकती है. वहीं, धार्मिक आयोजनों के दौरान सड़कों पर अधिक ट्रैफिक के मद्देनजर सभी संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन करेंगे. ऐसे में उन्होंने सभी स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में भी बिना लाइसेंस और हेलमेट के प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों को रोड सेफ्टी क्लब के जरिये जागरूक करने के निर्देश दिए.
जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन
उन्होंने कहा है कि सभी जिलों में तीन या अधिक सड़क दुर्घटना मृत्यु वाले मामलों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया जाए. साथ ही समिति जिले की खतरनाक सड़कों को चिह्नित करेगी और नगर विकास विभाग सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगवाए. इसके अलावा, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम वाले शहरों और एक्सप्रेसवे पर कैप्चर किए गए यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में शत-प्रतिशत चालान किए जाने का निर्देश दिया गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि पखवाड़े के दौरान रोजाना सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों, खराब वाहनों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाए और लगातार गश्त की जाए.
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