uttar pradesh news ; वर्ष 2009 बैच के आइएएस अधिकारी एस राजलिंगम ने वाराणसी में 58वें जिलाधिकारी के तौर पर पांच नवंबर 2022 को कार्यभार संभाला था। लगभग ढाई साल के कार्यकाल में उन्होंने काशी में प्रधानमंत्री के कई कार्यक्रमों को पूर्ण रूप से सकुशल सम्पन्न कराया। काशी तमिल संगमम की अगुवाई की।
लोकसभा चुनाव समेत जन-जन से जुड़े कई कार्यक्रमों में उन्होंने एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी की छाप छोड़ी। परिणाम स्वरूप कहा जा सकता है कि उन्हें वाराणसी मंडल के आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई। राजलिंगम को कुशीनगर से वाराणसी भेजा गया था। उभ्भा नरसंहार कांड के पश्चात् राजलिंगम को सोनभद्र का डीएम बनाया गया था तो उन्होंने इस विवाद को बहुत ही समझदारी और बेहतर तरीके से संभाला था।
आइपीएस भी रह चुके हैं एस राजलिंगम
एस राजलिंगम मूल रूप से तमिलनाडु के तिरुवली के निवासी हैं। ये इंजीनियरिंग के स्टूडेंट और आइपीएस भी रह चुके हैं। एनआइटी त्रिचरापल्ली से 2009 में सिविल सर्विस में पहली तैनाती बांदा जनपद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
बनारस के 59वें जिलाधिकारी बनेगें सत्येंद्र कुमार
सीएम के विशेष सचिव सत्येन्द्र कुमार वाराणसी के 59वें डीएम होंगे। शासन ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र को देखते हुए सत्येंद्र कुमार को ये जिम्मेदारी सौंपी है। मूल रुप से बिहार के मधुबनी जिले के निवासी सत्येंद्र की शुरुआती पढ़ाई पैतृक गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में हुई। सरकारी प्राथमिक विद्यालयों से इनको खास लगाव है। आइएएस बनने से पहले ये भारतीय राजस्व सेवा में चुने गए थे।
बतौर आइआरएस ये कोलकाता में असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम, एक्साइज और सर्विस टैक्स के पद पर तैनात थे। महोबा, महराजगंज के जिलाधिकारी के साथ कई पदों पर कार्य कर चुके हैं। उससे पहले देवरिया (2015-2016) और जौनपुर (2016-207) में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, बरेली (2017 से 2020) में मुख्य विकास अधिकारी और विशेष सचिव बेसिक शिक्षा रह चुके हैं।