UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अनपे चुनावी वादों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 (UCC) विधेयक पेश किया. विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा में विधायकों ने “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए गए.
UCC: लिव इन के लिए रजिस्ट्रेशन
यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में लिव इन रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. रजिस्ट्रेशन न कराने पर युगल को छह महीने का जेल और 25 हजार का अर्थदंड या दोनों हो सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के तौर पर जो रसीद जोड़े को मिलेगी उसी के आधार पर उन्हें किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकेगा. हाल ही में धामी सरकार को सौंपे गए यूसीसी ड्राफ्ट में यह प्रावधान किया गया है.
समान नागरिक संहिता (UCC) में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. इसके अनुसार, सिर्फ एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे. युगल पहले से विवाहित या फिर किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए. लिव-इन में रहने वाले हर व्यक्ति को लिव-इन में रहने के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर कराना होगा.
UCC: रजिस्ट्रार देगा पंजीकरण की रसीद
रजिस्ट्रेशन के उपरांत उन्हें रजिस्ट्रार पंजीकरण की रसीद देगा. उसी रसीद के बेस पर युगल को किराए पर घर या हॉस्टल या पीजी मिलेगा. पंजीकरण कराने वाले जोड़े की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देना अनिवार्य होगा.
UCC: लिव-इन में जन्मे बच्चे को मिलेगा अधिकार
लिव-इन रिलेशन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा. उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार दिए जाएंगे. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले हर व्यक्ति को संबंध विच्छेद का पंजीकरण कराना भी जरूरी होगा.
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