बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में चंदन लगाने और माला-फूल चढ़ाने पर रहेगा प्रतिबंध

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगलवार से बिना आरटीपीसीआर जांच के दर्शन पूजन शुरू हो जाएगा। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाएगा। सोमवार को मंदिर को खोलने के लिए परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सैनिटाइजेशन के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए परिसर में निर्धारित स्थानों पर गोले बनवाए गए। कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया गया कि वह कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराएं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालु दर्शन के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते हुए बाबा को दूर से ही जल चढ़ा सकते हैं। वही पुजारियों और सेवादारों को किसी श्रद्धालु को चंदन टीका लगाना, माला-फूल पहनाने पर प्रतिबंध रहेगा। गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहेगा। झांकी दर्शन के तहत ही बाबा को जल चढ़ाया जा सकेगा। मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए गोला बनवा लिया गया है। समय-समय पर परिसर को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त खुद को भी सैनिटाइज करने के बाद मंदिर में प्रवेश करेंगे। पांच-पांच फीट की दूरी पर मंदिर परिसर में गोले बनवाए गए हैं। यदि लोग रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो दो लोगों के साथ इसकी इजाजत होगी। थर्मल स्कैनिंग में यदि किसी के शरीर का तापमान मानक से अधिक पाया जाता है तो उसे मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। भक्तों के लिए विश्वनाथ मंदिर खोले जाने से पहले सैनेटाइजेशन किया गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मंदिर में प्रवेश के लिए आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई थी।

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