वाराणसी। आज विश्व संगीत दिवस है। संगीत मानव समुदाय के सांस्कृतिक, धार्मिक ताने बाने का अभिन्न अंग रहा है। यह किसी भी भाव को जागृत कर सकता है या उसका शमन कर सकता है। संगीत गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए मददगार साबित हुई है। कोरोना काल में संगीत एक थेरेपी के तौर पर उभर कर सामने आया है। इसने कोरोना काल में अनेक व्यक्तियों के मन एवं दिल को टूटने से बचाया है। शास्त्रीय संगीतकार डॉ. अर्चना म्हस्कर बताती हैं कि कोरोना काल में श्वास की गति को निश्चित और स्थिर बनाने में संगीत काफी मददगार है। खासकर राग भैरवी, दरबारी, मधुवंती, विहाग, तोड़ी, पुरिया राग के अभ्यास से कोरोना में लाभ मिला है। उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए वीणा वादन सुनना लाभदायक होता है। आर्य महिला पीजी कॉलेज में संगीत विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रुचि उपाध्याय बताती है कि कोरोना काल में मन से बीमारी का डर खत्म के लिए लोगों द्वारा संगीत सुनना काफी लाभप्रद रहा। इससे मन शांत होने के साथ नाड़ी को नियंत्रित करने में मदद मिली। पोस्ट कोविड में भी संगीत सुनकर मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।